न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : मोतिहारी/ बिहार :
दूसरे चरण का मतदान ही तय कर देगा कि बिहार में सत्ता की चाबी किसके हाथ में होगी। सुबह सात बजे से ही दूसरे चरण की 94 सीटों पर मतदान शुरू हो गया है। सुबह दस बजे तक बूथों पर महिला एवं युवा वोटरों की लंबी कतारें देखी गई हैं। दोपहर बाद तक इसमें और इजाफा होने की संभावना है। मतदाताओं का रुझान बता रहा है कि इस बार कुछ अलग होने जा रहा है। यह लड़ाई 15 साल बनाम 15 साल के मुद्दे पर शुरू हुई थी, जो बाद में विकास बनाम रोजगार पर जाकर अटक गई। पहली कैबिनेट में ही दस लाख लोकों को स्थाई नौकरी और समान काम के लिए समान वेतन के नारे ने आम मतदाताओं पर बड़ा फर्क डाला है। महागठबंधन के घटक दल इसे भुनाने में लगे हैं। पिछले डेढ़ दशक के विकास और बिहार की सूरत बदलने के नारे के साथ राजग कड़े मुकाबले में है। बिहारी स्वाभिमान के नाम पर रामविलास पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) मैदान में है। असदुद्दीन ओवैसी और उपेंद्र कुशवाहा ने बसपा के साथ मिलकर त्रिकोण बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
दूसरे चरण में कड़ी परीक्षा
दूसरे चरण में दो करोड़ 86 लाख से ज्यादा मतदाता हैं, जो 1463 प्रत्याशियों के लिए वोट कर रहे हैं। सबसे कड़ी परीक्षा राजद की है, जिसके 56 प्रत्याशी मैदान में हैं। दूसरे नंबर पर भाजपा है, जिसके 46 प्रत्याशी इस चरण में किस्मत आजमा रहे हैं। जदयू के भी 43 प्रत्याशी कड़ी परीक्षा में हैं। तीनों दलों के सामने पिछली बार के प्रदर्शन को बरकरार रखकर बेहतर करने की चुनौती है। 2015 में इन सीटों पर राजद के 33 विधायक थे। जदयू के 30 और भाजपा के 20 विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। मतदाताओं का ट्रेंड बता रहा है कि इस बार नतीजे में उलट-पलट हो सकता है, क्योंकि पिछली बार आमने-सामने की टक्कर थी। इस बार दूसरे चरण में चार कोण बन रहे हैं। बसपा-रालोसपा समेत छह दलों के तीसरे मोर्चे ने भी जातीय आधार पर मतदाताओं को बांटने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी है। लोजपा के चिराग पासवान भी अंतिम दम लगाए हुए हैं। दूसरे चरण में लोजपा के भी 52 प्रत्याशी मैदान में हैं। मतदाता सबकी परीक्षा ले रहे हैं।