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डा. राजेश अस्थाना, एडिटर इन चीफ, न्यूज़ टुडे मीडिया समूह
मुख्य साजिशकर्ता पुलकित आर्या पर लगाए गए चारों आरोप सही पाए गए हैं। 18 सितंबर 2022 को यमकेश्वर के वनंतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट का काम करने वाली अंकित भंडारी की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड के बाद मामला जिस प्रकार से आगे बढ़ा, उससे एक समय लगा कि रसूखदार आरोपी घटना से बच निकलेगा। लेकिन, जांच सही हुई। अंकिता हत्याकांड के मामले को दबाने की कोशिश हर स्तर पर की गई। पुलकित आर्या के पिता विनोद आर्य भारतीय जनता पार्टी से जुड़े थे। उत्तराखंड में रसूखदार नेताओं में उनका नाम शामिल था।
उत्तराखंड की बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड का शुक्रवार को कोटद्वार कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने तीनों ही आरोपियों को दोषी करार दिया है। तीनों ही दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
इस मामले में मुख्य साजिशकर्ता पुलकित आर्या पर लगाए गए चारों आरोप सही पाए गए हैं। 18 सितंबर 2022 को यमकेश्वर के वनंतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट का काम करने वाली अंकित भंडारी की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड के बाद मामला जिस प्रकार से आगे बढ़ा, उससे एक समय लगा कि रसूखदार आरोपी घटना से बच निकलेगा। लेकिन, जांच सही हुई। कोर्ट ने तेजी से सुनवाई की और आखिरकार रसूखदार आरोपी कानून के जरिए दोषी करार दे दिया गया। इसे लोग अब सच की जीत के रूप में पेश कर रहे हैं। इस हत्याकांड ने उस मध्यम, निम्न मध्यम और गरीब वर्ग को झकझोर दिया था, जिनके घरों से बेटियां बड़े सपने लेकर शहर जाती हैं। कमाकर परिवार की स्थिति सुधारना चाहती हैं। कोर्ट के फैसले ने अब इन लोगों में कानून के प्रति एक उम्मीद जरूर जगाई है। ऐसा अपराध करने वाला कितना भी बड़ा क्यों न हो, उसे सजा जरूर मिलेगी।जांच में जुटी एसआईटी टीम ने 500 पन्ने की चार्जशीट दाखिल की थी। करीब ढाई साल बाद अंकिता भंडारी हत्याकांड का फैसला आया है।
इंसाफ की मांग
वहीं, कोर्ट के जजमेंट से पहले अंकिता भंडारी की मां और पिताजी का बयान सामने आया। अंकिता की मां सोनी देवी कोर्ट का फैसला आने से पहले फूट फूटकर रो पड़ीं और अंकिता के लिए इंसाफ की मांग की। उन्होंने कहा कि वो चाहती हैं कि अंकिता के हत्यारों को फांसी की सजा हो। वहीं अंकिता के पिता वीरेंद्र सिंह भंडारी ने भी लोगों से अपील की है कि वो अंकिता को इंसाफ दिलाने में उनके साथ खड़े रहें और तीनों आरोपियों को मौत की सजा मिले।
हत्याकांड के बाद संशय
अंकिता भंडारी की जिस प्रकार से रिजॉर्ट से ले जाकर हत्या करने और उसके शव को चीला नहर में फेंकने का मामला आया, उसने आरोपियों के खिलाफ माहौल खड़ा कर दिया। एक सामान्य लड़की जब सपनों को उड़ान देने घर से निकलती है तो उसे कुचलने की कोशिश किस प्रकार की जाती है, घटना उसका उदाहरण था। अंकिता के माता-पिता उसके गायब होने के एक सप्ताह तक परेशान रहे थे। बेटी को खोजने की कोशिश करते रहे, लेकिन अंकिता का कहीं पता नहीं चला।
मामले को दबाने की कोशिश हर स्तर पर
अंकिता हत्याकांड के मामले को दबाने की कोशिश हर स्तर पर की गई। पुलकित आर्या के पिता विनोद आर्य भारतीय जनता पार्टी से जुड़े थे। उत्तराखंड में रसूखदार नेताओं में उनका नाम शामिल था। इस कारण आरोपी के बचने की आशंका जताई जाने लगी। सरकार पर आरोपी को बचाने की कोशिश के आरोप विरोधियों ने लगाए।