
न्यूज़ टुडे एक्सक्लूसिव : मोतिहारी
रिंकू गिरी, संवाददाता, न्यूज़ टुडे मीडिया समूह
महात्मा गांधी के पहले सत्याग्रह की ऐतिहासिक धरती चंपारण एक बार फिर लोकतांत्रिक पुनर्जागरण की साक्षी बनने जा रही है। ‘चंपारण सत्याग्रह 2025: पंचायती राज पर आधारित सम्मेलन’ का आयोजन आगामी 30 मई को बिहार के मोतिहारी स्थित बापू सभागार में किया जा रहा है। इस सम्मेलन का उद्देश्य 21वीं सदी में महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज और पंचायती राज के सिद्धांतों को आधुनिक परिप्रेक्ष्य में पुनः स्थापित करना है।
इस ऐतिहासिक आयोजन की अगुवाई लोक कल्याण फाउंडेशन कर रहा है। संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित कुशवाहा के अनुरोध पर फिल्म चम्पारण सत्याग्रह से पूरे विश्व में विख्यात हुए अभिनेता निर्देशक डा. राजेश अस्थाना ने कहा – गांधी के ग्राम सूरज की कल्पना ही आगे जाकर पंचायत राज बना। अमित द्वारा आयोजित चम्पारण सत्याग्रह – 2025 सम्मेलन गांवों की आत्मा को जगाने वाली ऐतिहासिक पहल है, इसका दूरगामी परिणाम होंगे। डा राजेश अस्थाना ने अपनी अनुपस्थिति में इस कार्यक्रम की सफलता की कामना की है।
राष्ट्रीय सचिव डॉ. मुन्ना सिंह ने चंपारण के जाने-माने शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. संजीव रंजन (रानी हॉस्पिटल, मोतिहारी) को व्यक्तिगत रूप से आमंत्रित किया। डॉ. रंजन के अनुसार “यह सम्मेलन केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि बिहार की ग्रामीण चेतना को जाग्रत करने का प्रयास है। आज जब लोकतंत्र की जड़ें पंचायतों तक पहुंच चुकी हैं, तो ज़रूरत है कि हम गांधीजी के ग्राम स्वराज के विचारों को जीवंत करें। यह पहल गांवों की आत्मा को जगाने वाली ऐतिहासिक कोशिश है, और मुझे गर्व है कि यह प्रयास चंपारण की भूमि से हो रहा है।”
डॉ. संजीव रंजन का सामाजिक जुड़ाव भी उल्लेखनीय रहा है – इनके चाचा पिछले चुनाव में मधुबन विधानसभा से विधायक पद के मजबूत उम्मीदवार रहे, जो थोड़े अंतर से पराजित हुए थे। ऐसे सामाजिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्तित्व का इस कार्यक्रम से जुड़ना आयोजन को और अधिक प्रासंगिक और प्रभावशाली बनाता है।
कार्यक्रम के उद्देश्य:
इस सम्मेलन के माध्यम से पंचायत राज व्यवस्था में पारदर्शिता, जवाबदेही और समावेशिता लाने पर विशेष ज़ोर रहेगा। गांधीजी के विचारों को आत्मसात करते हुए इस आयोजन का लक्ष्य है, मानवाधिकारों का सम्मान और सुशासन की स्थापना, कानून का शासन और लोकतांत्रिक मूल्यों का सशक्तीकरण, पंचायतों को जवाबदेह और पारदर्शी बनाना, समावेशी नागरिकता की अवधारणा को गांव-गांव तक पहुंचाना।
बिहार के संदर्भ में महत्वपूर्ण है यह आयोजन
बिहार देश की पहली धरती है जहाँ ग्राम पंचायतों ने राजनीतिक चेतना की शुरुआत की थी। गांधीजी का चंपारण सत्याग्रह यही से शुरू हुआ था, जिसने स्वतंत्रता संग्राम को नया मोड़ दिया। आज, जब पंचायती राज व्यवस्था को सशक्त करने की आवश्यकता है, तो चंपारण से इसकी शुरुआत ऐतिहासिक और प्रतीकात्मक दोनों रूपों में बेहद महत्वपूर्ण बन जाती है।
कार्यक्रम के प्रमुख विषय :
गांधीजी की ग्राम स्वराज पर दृष्टि में पंचायतों में नागरिक भागीदारी, पारदर्शिता और जवाबदेही के उपाय
स्थानीय संसाधनों का विकास
पंचायतों के माध्यम से सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन से ग्राम स्वराज का गांधीवादी मॉडल से लाभ यही होगा कि पंचायत राज की सशक्तीकरण प्रक्रिया को गति मिलेगी।
समाज के हर वर्ग को लोकतांत्रिक भागीदारी का अवसर
प्रशासन में पारदर्शिता, निष्पक्षता और उत्तरदायित्व का समावेश एवं गांवों में आत्मनिर्भरता और विकास का नया रास्ता मिलेगा।
लोक कल्याण फाउंडेशन के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष डॉ. अंगेश कुमार, सदस्य डॉ. दीपक कुमार एवं डॉ. मनीष कुशवाहा ने डॉ. संजीव रंजन के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए कहा कि, “डॉ. रंजन जैसे चिकित्सक और सामाजिक चिंतक की उपस्थिति इस आयोजन को नई दिशा देगी।”
यह सम्मेलन न केवल चंपारण, बल्कि समस्त बिहार और देश के ग्राम्य भारत के लिए प्रेरणा का स्रोत बनने जा रहा है। गांधीजी के सिद्धांतों की पुनः स्थापना के इस प्रयास में चंपारण सत्याग्रह 2025 एक नया मील का पत्थर साबित होगा।