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न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : दरभंगा/ बिहार :
कोरोना काल में राम भरोसे मिथिलांचल की लाइफलाइन, DMCH के सर्जिकल भवन का खंडहर जैसा हाल स्वास्थ्य विभाग के निकम्मेपन को दर्शाता है। देश कोरोना वायरस से जूझ रहा है लेकिन इस बीच लोगों अस्पतालों की व्यवस्था से भी परेशान हैं। कई लोगों की मौत दवा और ऑक्सीजन की कमी के कारण हो रही है। बिहार के मिथिलांचल की लाइफलाइन कहे जाने वाली डीएमसीएच अस्पताल की हालत काफी खराब है। अस्पताल का सर्जिकल भवन खंडहर जैसा दिख रहा है।
दरभंगा के डीएमसीएच अस्पताल में करोड़ों लोगों की जिदंगी निर्भर करती है। दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, सीतामढ़ी जिलों से लोग इलाज करवाने के लिए यहां आते हैं। इस क्षेत्र का यह एकमात्र सरकारी अस्पताल है जहां लोग उम्मीदों के साथ आते हैं। लेकिन डीएमसीएच का भवन स्वयं अपनी जिंदगी बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद जगह के अभाव में मजबूरी में हम यहां इलाज कर रहे हैं।
डीएमसीएच के मेडिकल सुपरीटेंडेंट डॉक्टर मणि भूषण शर्मा ने कहा कि हम लोगों ने कुछ समय के लिए सर्जिकल भवन को खाली करवाया था लेकिन कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद दोबारा से सर्जिकल भवन में मरीजों का इलाज शुरु कर दिया गया। हमलोग रिस्क लेकर मरीजों का इलाज कर रहे हैं।
बताते चलें कि हार के दिनों राज्य के कई हिस्सों में एंबुलेंस और ऑक्सीज की कमी का मामले देखने को मिला था। कुछ ही दिन पहले चंपारण का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें एंबुलेंस के अभाव में लोग ठेले पर लादकर मरीज को अस्पताल पहुंचा रहे थे।
बताते चलें कि बिहार में कोरोना की दूसरी लहर लगातार कहर बरपा रही है। राज्य में शनिवार को भी 7,336 नए मामले सामने आए थे। राज्य में गिरावट के बाद भी संक्रमण दर 6.65 प्रतिशत है। सबसे अधिक 1,202 नए मामले पटना में सामने आए थे। भारत में 25 दिनों के बाद एक दिन में कोविड-19 के सबसे कम 3.11 लाख मामले आए जबकि 4,077 और लोगों के जान गंवाने से मृतकों की संख्या 2,70,284 पर पहुंच गई है।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के रविवार को जारी आकंड़ों के अनुसार, कोविड-19 का उपचार करा रहे मरीजों की संख्या कम होकर 36,18,458 हो गई है जो संक्रमण के कुल मामलों का 14.66 प्रतिशत है। कोविड-19 से स्वस्थ होने वाले लोगों की राष्ट्रीय दर में सुधार हुआ है और यह 84.25 प्रतिशत है।