न्यूज़ टुडे एक्सक्लूसिव :
डा. राजेश अस्थाना, एडिटर इन चीफ, न्यूज़ टुडे मीडिया समूह :
सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की आजादी पर पाबंदी लगाए जाने वाले बिहार सरकार के आदेश को लेकर बिहार पुलिस ने स्थिति स्पष्ट की है. बिहार पुलिस ने साफ तौर पर कहा है कि सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले लोगों पर शिकायत मिलने के बाद आईटी एक्ट या फिर आईपीसी की धाराओं के तहत ही एक्शन लिया जाएगा. बिहार पुलिस के प्रवक्ता एडीजी मुख्यालय विजेंद्र कुमार ने कहा है कि सोशल मीडिया पर टिप्पणी मर्यादित होनी चाहिए. एडीजी मुख्यालय ने कहा है कि अगर सोशल मीडिया पर कोई अफवाह फैलाता है या फिर गलत सूचना देता है तो वैसी परिस्थिति में उनके खिलाफ आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई हो सकती है.
साइबर सेल कर रहा काम
एडीजी मुख्यालय ने कहा है कि सोशल मीडिया पर अगर अपमानजनक बातें कही जाती हैं तो इसके बारे में साइबर सेल को सूचित किया जा सकता है. साइबर सेल पहले से ही बिहार में काम कर रहा है. इस तरह की टिप्पणी आईटी एक्ट के तहत पहले ही दंडनीय अपराध की श्रेणी में रखा गया है.
एडवाइजरी जारी
उधर सरकार के सभी विभागों के प्रधान सचिव और सचिवों को एडवाइजरी जारी करने वाले आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी नैयर हसनैन खान ने कहा है कि अगर किसी विभाग या सरकारी पदाधिकारी की तरफ से मंत्री या फिर अन्य नेताओं की तरफ से कोई शिकायत आती है तो इस मामले में एक्शन लिया जाएगा. जनप्रतिनिधि के खिलाफ सोशल मीडिया पर आवाज उठाने के सवाल पर एक्शन लिया जाएगा तो नैयर हसनैन खान ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया. लेकिन उन्होंने इतना जरूर कहा कि यह एडवाइजरी भेजने के पीछे मकसद यही है कि नोडल एजेंसी को लोग आपत्तिजनक सोशल मीडिया टिप्पणी के बारे में शिकायत कर सकते हैं. जांच के बाद अगर मामला सही पाया गया तो इस मामले में कानूनी कार्रवाई की जाएगी. नैयर हसनैन खान ने कहा कि आईटी एक्ट आईपीसी के तहत जिन मामलों में संज्ञान लिया जा सकता है. उन्हीं मामलों में कार्रवाई होगी.