न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : मोतिहारी/ बिहार :
भारत समेत पूरी दुनिया कोरोना वायरस का प्रकोप झेल रही है. देश में अब तक 17 हजार से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं. पूरी दुनिया में स्वास्थ्यकर्मी कोविड-19 से कम से कम जान का नुकसान होने देने का प्रयास कर रहे हैं वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो डॉक्टर्स और स्वास्थ्यकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं. इसे लेकर डॉक्टर्स के संगठन आवाज भी उठा रहे हैं. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सोमवार को एक संदेश जारी कर कहा कि हमें सुरक्षित कार्यस्थल उपलब्ध कराए जाएं. उन्होंने मांग की कि स्वास्थ्यकर्मियों के लिए अपशब्द और हिंसा तुरंत बंद होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सभी डॉक्टर और अस्पताल इसके विरोध में 22 अप्रैल की रात 9 बजे एक मोमबत्ती जलाएंगे जो ‘व्हाइट अलर्ट टू द नेशन’ होगा.एसोसिएशन की ओर से आगे कहा गया कि यदि सरकार व्हाइट अलर्ट के बाद भी डॉक्टरों और अस्पतालों के खिलाफ हिंसा पर केंद्रीय कानून लागू करने में विफल रहती है, तो आइएमए 23 अप्रैल को काला दिवस घोषित करेगा. देश के सभी डॉक्टर काली पट्टी बांधकर काम करेंगे.इस संदेश में आगे कहा गया कि यदि काला दिवस के बाद भी सरकार इस विषय पर कोई फैसला नहीं करती तो इसके बाद आगे का फैसला लिया जाएगा. आईएमए के इस फैसले का बिहार ने भी समर्थन किया है. बिहार के सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर 23 अप्रैल को काला दिवस मनाएंगे.इस दौरान उनकी तरफ से डॉक्टरों के ऊपर किए जा रहे हमलों के विरोध में शांतिपूर्ण तरीके से नाराजगी जताई जाएगी. बिहार में भी कोरोना वारियर्स के साथ अभद्रता हुई है. बक्सर से लेकर मोतिहारी तक तमाम बड़े मामले सामने आये हैं. इसके साथ ही पुलिसवालों के साथ भी मारपीट की घटना सामने आई.