न्यूज़ टुडे अपडेट : नई दिल्ली :
कोविड-19 के संक्रमण के मद्देनजर जम्मू कश्मीर में रहने वाले कुछ रोहिंग्याओं के दिल्ली के निजामुद्दीन में तब्लीगी मरकज में होने की सूचना मिली है। इसके बाद प्रशासन ने रोहिंग्या शरणार्थियों की स्क्रीनिंग के लिए कार्ययोजना तैयार कर ली है। इलेक्ट्रानिक सर्विलांस, थानों में उपलब्ध रिकार्ड और विभिन्न स्वयंसेवी संस्थानों और मजहबी संगठनों की मदद से प्रत्येक रोहिंग्या का पता लगाया जाएगा। उसके स्वास्थ्य की जांच होगी। उनके सभी संपर्को की छानबीन होगी।दरअसल, अन्य राज्यों से संबंध रखने वाले तब्लीगी जमात के प्रचारक और जम्मू कश्मीर के तब्लीगी जमात के प्रचारक रोहिंग्या बस्तियों में अक्सर आते रहते हैं। वह रोहिंग्या बच्चों के लिए मदरसे भी चलाते हैं। गृह मंत्रालय ने एक दिन पहले ही विभिन्न राज्यों व केंद्र शासित राज्यों को एक एडवाइजरी जारी कर सभी रोहिंग्या शरणार्थियों की लॉकडाउन के दौरान बेहतर कार्य के लिए बीडीओ कुमार प्रशांत, थानाध्यक्ष के लिए कहा है। जम्मू कश्मीर में करीब 13384 रोहिंग्या शरणार्थी परिवार पंजीकृत हैं।यह जम्मू के नरवाल, बशीर गुज्जर बस्ती, भठिंडी, सुंजवा, जानीपुर, तालाब तिल्लो समेत श्रीनगर के हारवन इलाके में भी रहते हैं। सूत्रों की माने तो रोहिंग्याओं के 500 से अधिक परिवार अवैध रूप से जम्मू कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार सभी रोहिंग्या शरणार्थियों का डाटा जमा किया गया है। प्रत्येक पुलिस चौकी और थाना प्रभारी को उनके कार्याधिकार क्षेत्र में रहने वाले रोहिंग्याओं की सूची जमा कराने को कहा गया है। सभी रोहिंग्या बस्तियों और मोहल्लों को सैनिटाइज किया जाएगा। इसके लिए सभी आवश्यक उपकरणों से लैस स्वास्थ्यकर्मी और पुलिस के संयु़क्त दस्ते बस्तियों में जाएंगे।
यह कदम एहतियात के तौर पर उठाया गया है, क्योंकि कई रोहिंग्या शरणार्थी तब्लीगी जमात से जुड़े हैं। हर रोहिंग्या शरणार्थी परिवार का सर्वे होगा, मार्च में जम्मू कश्मीर पुलिस ने तब्लीगी जमात से जुड़े एक दर्जन रोहिंग्याओं को हिरासत में लेकर क्वारंटाइन किया था। पुलिस सूत्रों ने बताया कि सभी रोहिंग्या बस्तियों में काम करने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं और कुछ मजहबी संगठनों से भी जानकारियां जुटाई जा रही हैं। इसके अलावा रो¨हग्या शरणार्थियों के मोबाइल फोन की भी जांच होगी।प्रत्येक रोहिंग्या शरणार्थी परिवार का सर्वे होगा। उसके स्वास्थ्य की जांच की जाएगी। जरूरत पड़ने पर क्वारंटाइन केंद्र या अस्पताल में भर्ती किया जाएगा। रोहिंग्याओं की मौत के कारण की जांच होगी, जम्मू कश्मीर की रोहिंग्या बस्तियों में बीते एक माह के दौरान दम तोड़ने वाले रोहिंग्याओं की मौत के कारणों की भी जांच होगी। अगर कोई रोहिंग्या शरणार्थी तब्लीगी जमात के दिल्ली मरकज से लौटा पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। हालांकि, इस संबंध में आइजीपी जम्मू रेंज मुकेश से संपर्क नहीं हो पाया।