न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : मोतिहारी/ बिहार :
कानपुर के चौबेपुर में 8 पुलिसकर्मियों की शहादत के बाद मुखबिरी के शक में थानेदार की भूमिका संदिग्ध पाए जाने के बाद एसएसपी दिनेश कुमार पी ने मंगलवार देर रात बड़ी कार्रवाई की है. उन्होंने थाने पर तैनात सभी दरोगा, मुख्य आरक्षी व सिपाहियों को लाइन हाजिर कर दिया है. सभी 68 पुलिसकर्मियों को पुलिसलाइन भेज दिया गया है. साथ ही पुलिसलाइन से नए पुलिसकर्मियों की तत्काल तैनाती थाने में की गई है.
एसएसपी दिनेश कुमार पी का कहना है कि मुखबिरी के शक में थाने के सभी पुलिसकर्मियों को हटाया गया है. अभी भी पुलिस की जांच जारी है. दोषी पाए गए पुलिसकर्मी पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. गौरतलब है कि चौबेपुर थाना अध्यक्ष विनय तिवारी को पहले ही सस्पेंड कर दिया गया था, जिसके बाद दो दरोगाओं और एक आरक्षी को सस्पेंड किया गया था.
डीआईजी (एसटीएफ) अनंत देव तिवारी हटाए गए
शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा का कथित पत्र वायरल होने के बाद डीआईजी (एसटीएफ) अनंत देव तिवारी को हटा दिया गया. अनंत देव तिवारी अब पीएसी मुरादाबाद सेक्टर के डीआईजी का कार्यभार संभालेंगे. दरअसल, शहीद सीओ ने 14 मार्च को तत्कालीन एसएसपी अनंत देव तिवारी को लिखे अपने पत्र में चौबेपुर थानाध्यक्ष विनय तिवारी और हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के बीच साठगांठ और गंभीर घटना की आशंका जताते हुए कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन तत्कालीन एसएसपी अनंत देव तिवारी ने इस पत्र पर कोई एक्शन नहीं लिया था.
STF की जांच में मुखबिरी का खुलासा
एसटीएफ के हाथ लगे ऑडियो में दो पुलिसकर्मियों का पता चला है जिन्होंने दबिश की सूचना विकास दुबे को दी थी. यही नहीं इस ऑडियो में विकास कहता सुनाई पड़ा है कि आज पुलिस से निपट लेंगे. एसटीएफ की जांच में पता चला है कि दरोगा केके शर्मा और सिपाही राजीव चौधरी की उस दिन विकास दुबे से बातचीत हुई थी.
फरार है विकास दुबे
घटना के पांच दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस और एसटीएफ फरार विकास दुबे को गिरफ्तार नहीं कर पाई है. पुलिस की 100 से ज्यादा टीमें सूबे व आस-पास के राज्यों में लगातार दबिश दे रही हैं, लेकिन विकास दुबे का कोई सुराग नहीं मिल रहा है. पुलिस ने आशंका जाहिर की है कि विकास दुबे मध्य प्रदेश के ग्वालियर में छुपा हो सकता है. लिहाजा, मध्य प्रदेश की पुलिस को भी हाई अलर्ट पर कर दिया गया है.