न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : पटना/ बिहार :
विधानसभा चुनाव के नजदीक आने के साथ बिहार में विपक्षी महागठबंधन का सीट-शेयरिंग व नेतृत्व को लेकर अंतर्कलह गहराता दिख रहा है। बीते 24 घंटे की घटनाएं इसकी ओर इशारा कर रही हैं। कांग्रेस ने अधिक सीटों के साथ चुनाव के नेतृत्व का दावा करते हुए खुद को बिग बॉस बताया है तो जीतनराम मांझी, उपेंद्र कुशवाहा व मुकेश सहनी की तिकड़ी ने भी राष्ट्रीय जनता दल पर दबाव बढ़ा दिया है। माना जा रहा है कि इस तिकड़ी को कांग्रेस का समर्थन है। हालांकि, आरजेडी किसी समझौते के मूड में नहीं दिख रहा।
मांझी-कुशवाहा-सहनी ने की गुप्त बैठक
मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार की रात महागठबंधन के तीन छोटे घटक दलों राष्ट्रीय लोक समता पार्टी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा , हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा सुप्रीमो जीतनराम मांझी तथा विकासशील इन्सान पार्टी के मुखिया मुकेश सहनी एक साथ जुटे। सीट शेयरिंग व महागठबंधन के नेतृत्व के मुद्दों पर कांग्रेस के आरजेडी विरोधी बयान के ठीक बाद हुई तीनों की इस गुप्त बैठक के राजनीतिक निहितार्थ तलाशें जा रहे हैं।
सीटों के बंटवारे व नेतृत्व पर चर्चा
माना जा रहा है कि बैठक में विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन में सीटों के बंटवारे व नेतृत्व पर भी चर्चा हुई। मांझी पहले से ही महागठबंधन में समन्वय समिति की मांग करते रहे हैं। वे कहते रहे हैं कि यही समन्वय समिति महागठबंधन के नेतृत्व के साथ तमाम बड़े फैसले करे।
कांग्रेस ने भी बैठक कर बढ़ाया आरजेडी पर दबाव
इसके पहले शुक्रवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार के आवास पर कांग्रेस की एक बैठक में भी इन्हीं मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा, सदानंद सिंह, अखिलेश सिंह, तारिक अनवर व धीरज कुमार आदि शामिल रहे। बैठक के माधयम से कांग्रेस ने सीट-शेयरिंग एवं नेतृत्व के मुद्दों को लेकर आरजेडी पर दबाव बढ़ाया।
कांग्रेस को चाहिए अधिक सीटें व नेतृत्व
बैठक के बाद कांग्रेस सांसद अखिलेश सिंह ने विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग का अपना फॉर्मूला दिया। उन्होंने कहा कि बीते विधानसभा चुनाव में गठबंधन में साथ रहे जनता दल यूनाइटेट (जदयू) की 102 सीटों का महागठबंधन के घटक दलों के बीच बंटवारा हो तथा सबसे अधिक हिस्सा कांग्रेस को मिले। बाद में कांग्रेस नेता अजित शर्मा ने भी अपने बयान में अखिलेश सिंह का समर्थन किया। कांग्रेस के वरिष्ठ कांग्रेस नेता सदानंद सिंह ने विधानसभा चुनाव कांग्रेस के नेतृत्व में लड़े जाने की बात कही।
समझौते के मूड में नहीं आरजेडी
स्पष्ट है कि महागठबंधन के घटक दल विधानसभा चुनाव के पहले सिर-फुटौव्वल की भूमिका बनाने लगे हैं। मुद्दे वही पुराने सीटों के बंटवारे, महागठबंधन के नेतृत्व व मुख्यमंत्री चेहरा का है। लेकिन बिहार में महागठबंधन का सबसे बड़ा दल आरजेडी समझौते के मूड में नहीं है। आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी के अनुसार केवल सीट लेने से कोई चुनाव नहीं जीत जाता। कांग्रेस को अपनी जमीनी हकीकत नहीं भूलनी चाहिए। बिहार में महागठबंधन का नेतृत्व आरजेडी के ही करने की बात कहते हुए उन्होंने कहा कि आरजेडी प्रदेश कांग्रेस के नेताओं से बात नहीं करेगा, सभी मुद्दों पर कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व (सोनिया गांधी और राहुल गांधी) से बातचीत कर ली जाएगी।