न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : नई दिल्ली :
कोरोना के प्रसार की गति को कम करने के लक्ष्य के साथ लागू देशव्यापी लॉकडाउन का तीसरा चरण 17 मई को समाप्त हो रहा है। इस बात के स्पष्ट संकेत हैं कि लॉकडाउन इसके बाद भी जारी रहेगा। मंगलवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि लॉकडाउन अभी पूरी तरह नहीं हटेगा। हालांकि उन्होंने चौथे चरण में ज्यादा छूट का संकेत भी दिया था।
अधिकारियों के मुताबिक, सोमवार यानी 18 मई से शुरू होने जा रहे चौथे चरण में ग्रीन जोन को पूरी तरह खोलने का फैसला लिया जा सकता है। इस चरण में हॉटस्पॉट तय करने का अधिकार राज्यों को मिलने की उम्मीद है। हालांकि शारीरिक दूरी का पालन करना और मास्क लगाने जैसे प्रावधान सभी के लिए अनिवार्य रहेंगे।
अधिकारियों का कहना है कि अगले चरण में ऑरेंज जोन में भी बहुत कम पाबंदियां रहेंगी। रेड जोन में भी कंटेनमेंट एरिया में ही सख्ती रखी जाएगी। यहां तक कि रेड जोन में सैलून, नाई की दुकान और चश्मे की दुकानों को भी खोलने की अनुमति मिल सकती है। हालांकि इस संबंध में विस्तृत गाइडलाइंस राज्य सरकारों के सुझावों के आधार पर गृह मंत्रालय जारी करेगा। राज्य सरकारों को शुक्रवार तक अपने सुझाव देने को कहा गया था।
अधिकारियों के मुताबिक, पंजाब, बंगाल, महाराष्ट्र, असम और तेलंगाना लॉकडाउन को जारी रखना चाहते हैं। इनमें से कुछ राज्य जोन तय करने का अधिकार अपने हाथ में चाहते हैं। राज्यों का यह अनुरोध माना जा सकता है, ताकि राज्य जमीनी हालात के आधार पर किसी क्षेत्र में लोगों की आवाजाही या आíथक गतिविधियों को लेकर फैसला कर सकें। अभी कोई भी राज्य लॉकडाउन को पूरी तरह से हटाने के पक्ष में नहीं है, लेकिन आर्थिक गतिविधियों को धीरे-धीरे शुरू करना चाहते हैं।
रेलवे और घरेलू उड़ानों के मामले में भी अगले हफ्ते से कुछ अतिरिक्त अनुमति मिलने की उम्मीद है। हालांकि अभी रेल और हवाई जहाज का परिचालन पूरी तरह शुरू होने में वक्त लग सकता है। बिहार, तमिलनाडु, कर्नाटक समेत कई राज्य कम से कम मई अंत तक इन सेवाओं को पूरी तरह चालू करने के पक्ष में नहीं हैं।
सीमित यातायात की उम्मीद
लॉकडाउन के अगले चरण में कंटेनमेंट एरिया के अलावा सभी जगहों पर लोकल ट्रेन, बस और मेट्रो सेवाएं भी सीमित क्षमता के साथ शुरू की जा सकती हैं। सीमित सवारियों के साथ ऑटो और टैक्सी के संचालन को भी अनुमति दी जा सकती है। हालांकि इन पर अंतिम फैसला राज्यों का रहेगा। ऑरेंज और रेड जोन में बाजारों को खोलने का फैसला भी राज्य सरकारें लेंगी। राज्य सरकारें गैर जरूरी वस्तुओं की दुकानों को खोलने के लिए ऑड-इवन फॉर्मूला अपना सकती हैं। कंटेनमेंट एरिया को छोड़कर रेड जोन में भी ई-कॉमर्स कंपनियों को सभी वस्तुओं की डिलीवरी की इजाजत देने की तैयारी है। ग्रीन और ऑरेंज जोन में पहले ही ई-कॉमर्स कंपनियों को गैर जरूरी वस्तुओं की डिलीवरी की अनुमति दी जा चुकी है।
क्या चाहते हैं राज्य?
सबसे ज्यादा कोरोना मरीजों वाले महाराष्ट्र की सरकार मुंबई, इसके उपनगरीय इलाकों और पुणे में सख्त लॉकडाउन चाहती है। राज्य सरकार एक जिले से दूसरे जिले और दूसरे राज्य के लिए किसी भी तरह के परिवहन की अनुमति नहीं देना चाहती। दूसरे सबसे ज्यादा मरीजों वाला गुजरात बड़े शहरी केंद्रों में आर्थिक गतिविधियां शुरू करना चाहता है। दिल्ली, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और केरल की सरकारें आर्थिक गतिविधियां शुरू करना चाहती हैं। केरल की सरकार रेस्टोरेंट और होटल भी खोलना चाहती है। प्रवासी मजदूरों के आने के बाद मामलों में बढ़ोतरी का सामना कर रहे बिहार, झारखंड, ओडिशा जैसे राज्य लोगों की आवाजाही पर सख्त प्रतिबंध के साथ लॉकडाउन जारी रखना चाहते हैं।