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रिंकू गिरी, स्थानीय संवाददाता, न्यूज़ टुडे मीडिया समूह :
★डॉ अंशु के पिता प्रो. चंद्रमा सिंह रक्सौल के केसीटीसी कॉलेज में प्राध्यापक पद से सेवानिवृत हो चुके हैं. वहीं उसकी मां सविता देवी बीईओ थी, जिनकी मौत वर्ष 2008 में हो गई. मां की मौत हो जाने के बाद अंशु के पिता अपनी दोनों बेटियों के हौसले को टूटने नहीं दिया और पिता अपने दोनों बच्चों की मानसिक ताकत बने रहे. जिस कारण डॉ अंशु ने नासा जैसी संस्था में अपनी प्रतिभा के बल पर एक वैज्ञानिक के रुप में चयनित होकर जिला का नाम रोशन किया है.★
बेटियां किसी से कम नहीं है, इसको साबित किया है पूर्वी चंपारण जिला के सीमाई शहर रक्सौल के रहने वाले सेवानिवृत्त प्रोफेसर चंद्रमा सिंह की छोटी बेटी डॉ अंशु कुमारी ने. जिनका चयन अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन नासा में वैज्ञानिक के रुप में हुआ है. प्रोफेसर चंद्रमा सिंह के दो पुत्रियों में छोटी बेटी डॉ अंशु ने प्रारंभिक शिक्षा रक्सौल से प्राप्त की. वहीं वर्ग छह से प्लस टू तक की पढ़ाई अंशु ने जवाहर नवोदय विद्यालय पिपराकोठी से की.
डॉ अंशु के पिता प्रो. चंद्रमा सिंह रक्सौल के केसीटीसी कॉलेज में प्राध्यापक पद से सेवानिवृत हो चुके हैं. वहीं उसकी मां सविता देवी बीईओ थी, जिनकी मौत वर्ष 2008 में हो गई. मां की मौत हो जाने के बाद अंशु के पिता अपनी दोनों बेटियों के हौसले को टूटने नहीं दिया और पिता अपने दोनों बच्चों की मानसिक ताकत बने रहे. जिस कारण डॉ अंशु ने नासा जैसी संस्था में अपनी प्रतिभा के बल पर एक वैज्ञानिक के रुप में चयनित होकर जिला का नाम रोशन किया है.
नासा में वैज्ञानिक के रुप में चयनित डॉ अंशु कुमारी के पिता प्रो. चंद्रमा सिंह ने बताया कि, ‘मुझे दो बेटियां हैं. अंशु छोटी बेटी है और उसकी सफलता से परिवार में खुशी का माहौल है. अंशु बचपन से से जिज्ञासु और कुशाग्र बुद्धि की रही है. अंशु ने बीटेक की डिग्री आरसीईडब्ल्यू जयपुर से ली. आईआईए बैंगलुरू से एमटेक विद इंटीग्रेटेड पीएचडी की डिग्री प्राप्त की. उसके बाद पोस्ट डॉक्टरेट रिसर्चर के रूप में हेलसिंकी यूनिवर्सिटी फिनलैंड में दो वर्षो तक काम किया है.