न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : पटना/ बिहार :
बिहार राज्य में इस समय गंगा नदी का प्रकोप देखने को मिल रहा है. जिसके कारण अभी बिहार के गंगा नदी पर कई निर्माण कार्य को रोक दिया गया है जिसमें कि खगड़िया और भागलपुर को जोड़ने वाली एक महत्वकांक्षी पुल अगुवानी सुल्तानगंज महासेतु भी शामिल है.
बता दें कि इस समय इस महासेतु के निर्माण का कार्य की रफ्तार धीमी पड़ गई है जिसका की मुख्य कारण गंगा नदी के जलस्तर का बढ़ जाना है जानकारी के अनुसार अभी गंगा नदी अपने खतरे के निशान से ऊपर बह रही है जिसके कारण इस अगुवानी सुल्तानगंज महासेतु का काम ठप पड़ गया है लेकिन जल्द ही इस ब्रिज को आम लोगो को खोला जाना है।
पुल के निर्माण के बाद इन ज़िलों को मिलेगा सबसे बड़ा लाभ होगा यह खासियत बता दें कि इस पुल के निर्माण हो जाने के बाद भागलपुर और खगड़िया की दूरी कम हो जाएगी साथ ही दोनों जिलों के परिवहन की कनेक्टिविटी भी बेहतर हो जाएगी इसके साथ ही निर्माण के बाद यह सेतु उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने वाला सबसे महत्वपूर्ण सेतु बनकर सामने आएगा बता दे कि पर्यटक लिए भी यह सेतु अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है आपको बता दू की बताया जा रहा है यह देश का पहला पुल होगा जहा पर किसी नदी के ऊपर पुल पर ही गाड़ी पार्किंग की व्यवस्था होगी इसके आलावा इस पुल पर डॉल्फिन ऑर्ब्जरबेटरी बनाया जा रहा है जहा पर लोग इस डॉल्फिन और गंगा का दीदार भी नजदीक से लोग कर पाएंगे जो अपने आप में काश है और पर्यटन को आकर्षित भी करेगेगा।
NH-31 और NH-80 को जोड़ने का काम करेगी महासेतु, 2022 से शुरू हो जाएगा परिवहन यह सेतु अपनेआप में बहुत खाश होगा बता दे कि यह पुल NH-31 और NH-80 को एक साथ जोड़ने का काम करेगा जानकारी के अनुसार इस परियोजना की लागत करीब करीब 1710.77 करोड़ किया गया था इसके साथ ही यह निर्माण होने से उत्तर तथा दक्षिण बिहार के बीच की दूरी काफी कम हो जाने की संभावना है.
बता दें कि पुल तथा सड़क निर्माण से एनएच 31 तथा एनएच 80 आपस में जुड़ जायेंगे. मिली जानकारी के अनुसार, इस महासेतु की लम्बाई करीब 3.160 किलोमीटर है. साथ साथ एप्रोच पथ की कुल लम्बाई करीब 25 किलोमीटर है। बताया जा रहा हैं की बिहार सरकार के द्वारा आगामी मार्च 2022 तक इस महासेतु पर आवागमन शुरू करने का निर्देश जारी किया जा सकता है।