न्यूज़ टुडे एक्सक्लूसिव :
डा. राजेश अस्थाना, एडिटर इन चीफ, न्यूज़ टुडे मीडिया समूह :
बिहार में जनता दल यूनाईटेड (जदयू) चुनाव मोड में नजर आने लगा है। विपक्ष के लगातार हमलों के बीच जनता दल यूनाईटेड ने कुछ नए कदम उठाए हैं। JDU की 3 गतिविधियों की सियासी हलके में भी चर्चा है, जिससे उसके चुनावी मोड में होने के संकेत मिल रहे हैं।
मुख्यमंत्री का जनता दरबार शुरू
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 5 साल बाद सोमवार को जनता दरबार शुरू कर दी। उन्होंने कल जनता दरबार में देखा कि अफसरशाही का हाल बिहार में कैसा है? आरक्षण का पालन किस तरह से हो रहा है? संविदाकर्मियों के साथ कैसा व्यवहार किया जा रहा है? जनता दरबार के जरिए मुख्यमंत्री जनता से जुड़ना चाहते हैं। जब पिछली बार जनता दरबार बंद किया गया था, तब यह तर्क दिया गया था कि लोक सेवा का अधिकार लागू कर दिया गया है। अब लोगों को परेशानी नहीं होगी। इसके बावजूद समय-समय पर मंत्री से लेकर अन्य सामाजिक संगठनों ने लोगों की परेशानी का जिक्र किया। नीतीश सरकार के मंत्री ने ही अफसरशाही हावी होने का आरोप लगा दिया, तब जाकर मुख्यमंत्री को जनता की याद आई।
उपेन्द्र कुशवाहा को बिहार यात्रा पर भेजा
उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा का विलय जेडीयू में कराने के बाद नीतीश कुमार ने उन्हें एमएलसी और जेडीयू संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बनाया। दूसरी तरफ आरसीपी सिंह को केन्द्र में इस्पात विभाग का मंत्री पद मिलने के बाद कयास लगाया जा रहा है कि उपेन्द्र का कद और बढ़ेगा। इसको देखते हुए नीतीश सरकार में लोगों की आस्था बढ़ाने के लिए उपेन्द्र ने चंपारण के वाल्मीकि नगर से अपनी यात्रा शुरू की है। वे चाय-भूंजा के साथ लोगों से चर्चा कर रहे हैं। इसके बाद वे फीडबैक नीतीश कुमार को देंगे। कुशवाहा वोट बैंक को भी एकजुट करने की मुहिम में वे लगे हैं।
बागियों को वापस ला रहे ललन सिंह
वहीं, पार्टी के सीनियर नेता मुंगेर सांसद ललन सिंह को पार्टी में बागियों को वापस लाने का जिम्मा दिया गया है। उन्हें नीतीश कुमार ने उन बागी नेताओं को वापस लाने को कहा है जो 2020 में टिकट नहीं मिलने या अन्य कारणों से अलग-थलग हो गए थे। उसमें एक नाम मंजीत सिंह का भी है। मंजीत सिंह कभी मंत्री नहीं रहे, फिर भी उन्हें राष्ट्रीय जनता दल में जाने से रोकने के लिए नीतीश कुमार ने ताकत लगा दी। मंजीत सिंह को पार्टी में शामिल कराकर प्रदेश उपाध्यक्ष बना दिया गया है। रूठे को मनाने का यह सिलसिला नीतीश कुमार आगे बढ़ाएंगे। कुमार ने अपनी पार्टी और सरकार की बेहतर ब्रांडिंग के लिए प्रवक्ताओं के पद में भी उलटफेर किया है।