न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : पटना- बिहार/ नई दिल्ली :
केंद्रीय जल आयोग (CWC) ने बुधवार को बिहार के लिये ऑरेंज बुलेटिन जारी किया। इसमें राज्य के कुछ हिस्सों में बाढ़ की स्थिति की भविष्यवाणी की गई है। पिछले 24 घंटों में नेपाल-भारत सीमा के साथ-साथ गंडक नदी के आसपास के इलाके में भारी बारिश से बिहार में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गये हैं। नेपाल-बिहार में लगातार बारिश के कारण गंडक, बूढ़ी गंडक समेत कई नदियां 16 जून को ही खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गईं।
हालत यह है कि पहली बार गंडक नदी में मानसून के प्रारंभ में ही चार लाख क्यूसेक से अधिक पानी हो गया। बेतिया, मोतिहारी, गोपालगंज, अररिया, किशनगंज, और दरभंगा जिले में एनडीआरएफ टीम की तैनाती की जा चुकी है। वहीं मुजफ्फरपुर, सुपौल के साथ ही पटना जिले के कई इलाकों में उनकी तैनात की जा रही है। एनडीआरएफ के कमांडेंट विजय सिन्हा ने बताया कि अन्य जिलों में जरूरत के हिसाब से जल्दी ही एनडीआरएफ टीमें तैनात कर दी जाएगी।
सरकार ने गोपालगंज जिले का सत्तर घाट पुल बंद कर दिया है। अब गोपालगंज जिले से मुजफ्फरपुर या पूर्वी चंपारण जिले की तरफ जाने वाले लोग इस पुल से 8 किलोमीटर दक्षिण में अवस्थित बंगरा घाट पुल या 20 किलोमीटर उत्तर में अवस्थित डुमरिया घाट पुल से आरपार होंगे। फजुल्लाहपुर में पुल के एप्रोच को तीन जगह करीब 810 मीटर लंबाई में काट कर वाटर-वे बनाया जा रहा है ताकि तटबंध या पुल को नुकसान नहीं पहुंचे।
बुधवार की शाम तक गंडक नदी पश्चिम चंपारण के त्रिवेणी में और गोपालगंज के डुमरियाघाट में खतरे के निशान से ऊपर थी तो बूढ़ी गंडक चनपटिया में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। गंगा, बागमती, पुनपुन, खिरोई, घाघरा और कोसी के जलस्तर में भारी वृद्धि हुई। गंडक का जलस्राव 4.12 लाख क्यूसेक पहुंच गया। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के अनुसार गंडक में मानसून के प्रारंभ में इतना पानी कभी नहीं रहा।
सीडब्ल्यूसी ने ट्वीट किया- सीडब्ल्यूसी द्वारा जारी ऑरेंज फ्लड बुलेटिन, बिहार में गंडक और बुढ़ी गंडक नदियों के लिये। @ndmaindia @ndrfpatna @NDRFHQ @PIBPatna @CWCOfficial_GoI @BsdmaBihar,” बुधवार सुबह 8 बजे तक बिहार में गंडक और बूढ़ी गंडक नदियां अपने खतरे के निशान से ऊपर बह रही थीं। हालात को देखते हुए प्रशासन की ओर से वाल्मीकिनगर गंडक बैराज के सभी 36 गेट खोल दिये गये। सीडब्ल्यूसी की एडवाइजरी के अनुसार, बिहार के गोपालगंज जिले के डुमरियाघाट में गंडक नदी 62.4 मीटर के स्तर पर बह रही है, जो कि 62.22 मीटर के खतरे के स्तर से 0.18 मीटर और 64.36 मीटर (2020) के अपने पिछले एचएफएल से 0.18 मीटर ऊपर है। बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के चनपटिया में बूढ़ी गंडक नदी गंभीर स्थिति में बह रही है। इसका पिछला एचएफएल 76.68 मीटर (1986-09-15) था।
बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुये सभी स्थलों पर एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों को तत्काल प्रभाव से तैनात कर दिया गया है। इस बीच, वाल्मीकिनगर में गंडक बैराज से लगातार बारिश और भारी पानी छोड़े जाने के बीच मंगलवार रात पश्चिम चंपारण जिले से दो लोगों को बचाया गया। पानी के निर्वहन के परिणामस्वरूप उत्तरी बिहार से गुजरने वाली अधिकांश नदियों में जल स्तर में वृद्धि हुई।