न्यूज़ टुडे एक्सक्लूसिव :
डा. राजेश अस्थाना, एडिटर इन चीफ, न्यूज़ टुडे मीडिया समूह :
दरभंगा एयरपोर्ट पर खराब मौसम में विमानों की लैंडिंग में परेशानी हो रही है. शुक्रवार को दूसरे दिन भी एक फ्लाइट को डायवर्ट करना पड़ा. इससे पहले गुरुवार को मुंबई-दरभंगा फ्लाइट को डायवर्ट कर पटना एयरपोर्ट पर उतारा गया था. शुक्रवार को बंगलुरु-दरभंगा फ्लाइट को डायवर्ट कर कोलकाता एयरपोर्ट पर उतारा गया. इससे यात्रियों को खासी परेशानी हुई.
दिसम्बर का मौसम शुरू होते ही कोहरा छाने लगता है. इस वजह से आगे भी विमानों को लैंडिंग करने में परेशानी होनी शुरू हो गई है. 8 नवंबर, 2020 से शुरू हुए दरभंगा एयरपोर्ट पर यह परेशानी कछ अधिक ही झेलनी पड़ रही है. बीते बुधवार को भी स्पाइस जेट की मुम्बई से दरभंगा आनेवाली विमान पटना में लैंड हुई थी. शुक्रवार को मुम्बई व बंगलुरु के लिए फ्लाइट कैंसिल हो गई थी. दरभंगा व इसके आसपास के 12 जिलों के लोग पहले से बुक करवाए गए टिकट के आधार पर फ्लाइट पकड़ने तो आ रहे हैं, लेकिन खराब मौसम की वजह से इसके कैंसिल हो जाने से निराश होकर वापस लौटने को मजबूर हो जाते हैं. सुविधाओं के अभाव को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि दरभंगा एयरपोर्ट फिलहाल सीजनल एयरपोर्ट बनकर रह जाएगा और जाड़ों के मौसम में घने कोहरों की वजह से फिलहाल इसे बंद करना पड़ सकता है.
दरअसल विपरीत मौसम में दरभंगा एयरपोर्ट पर विमानों की लैंडिंग के लिए आवश्यक यंत्र नहीं रहने के कारण यात्रियों की परेशानी बढ़ी है. गौरतलब है कि दरभंगा एयरपोर्ट पर उपस्कर अवतरण प्रणाली यानी इंस्ट्रूमेंट लैंडिग सिस्टम (Instrument landing system या ILS) और डीवीओआर (DVOR) सिस्टम नहीं है. इसके अलावा एयरपोर्ट पर रनवे लाइटिंग व ग्राउंड लाइटिंग सिस्टम की व्यवस्था नहीं है.
जानें क्या होता है इंस्ट्रूमेंट लैंडिग सिस्टम
उपस्कर अवतरण प्रणाली एक भूमि पर स्थापित उपस्कर अप्रोच प्रणाली होती है, जो विमानों के उड़ान पट्टी पर पहुंचते हुए और अवतरण के समय सटीक मार्गदर्शन उपलब्ध कराती है. इसमें रेडियो संकेतों के संयोजन एवं कई स्थानों पर उच्च-तीव्रता के प्रकाश एरेज़ का प्रयोग किया जाता है जिससे कि निम्न दृश्यता, खराब मौसम, हिमपात, उड़ान प्रतिबंधों आदि के रहते हुए भी विमान का सुरक्षित अवतरण सुनिश्चित हो सके.