न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : पटना/ बिहार :
कोरोना संक्रमण के दौरान लॉकडाउन में भारतीय जनता पार्टी के नवादा जिले के हिसुआ के विधायक अनिल सिंह कोटा में पढ़ रही बेटी को वहां से बिहार ले आए हैं। जबकि, आम लोगोे के बच्चे वहीं फंसे पड़े हैं। इस मामले के तूल पकड़ने के बाद विधायक को कोटा आने-जाने के लिए पास जारी करने वाले अधिकारी को निलंबित किया जा चुका है। अन्य सभी जिम्मेदार लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है। विधायक के खिलाफ भी कार्रवाई तय मानी जा रही है। इस बीच कोटा सहित राजस्थान के अन्य इलाकों में फंसे बिहारी छात्रों व कामगारों के रहने-खाने की व्यवस्था के लिए बिहार सरकार ने राजस्थान सरकार पर दबाव बढ़ाया है।विदित हो कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कोटा में पढ़ रहे अपने बच्चों को वापस बुलाने का फैसला किया तथा उन्हें लाने के लिए बसें भेजी। इसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लॉकडाउन की मर्यादा का उल्लंघन बताया तथा कहा कि बिहार के बच्चों को कोटा में ही रहने की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इसी बीच बीजेपी विधायक कोटा से अपने बेटी को लेकर बिहार आ गए। इसे लेकर सरकार पर दोहरी नीति का आरोप लगाया गया है। अब इस मामले में कार्रवाई शुरू हो गई है। साथ ही बिहार सरकार ने राजस्थान में फंसे बिहारियों की भी सुध ली है।कोटा मामले में बिहार ने बढ़ाया राजस्थान पर दबाव
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय चौधरी ने मंगलवार को कहा कि कोटा एवं राजस्थान के अन्य शहरों में फंसे बिहार के हजारों छात्रों एवं कामगारों के रहने-खाने की व्यवस्था करनी चाहिए। ओम बिड़ला आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोरोना से बचाव के लिए बिहार की तैयारियों की जानकारी ले रहे थे।मंत्री बोले: विधायक के खिलाफ होगी कार्रवाई
इस मामले में बिहार के संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने कहा है कि लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाला कोई भी हो, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि विधायक अनिल सिंह पर भी बीजेपी कार्रवाई करेगी।विधायक को पास जारी करने वाले अधिकारी निलंबित
बिहार के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने फिर कहा है कि कोटा में फंसे बिहार के छात्रों को वर्तमान हालात में वापस बुलाना ठीक नहीं है। इस बाबत मुख्यमंत्री भी स्थिति स्पष्ट कर चुके हैं। इस बीच विधायक को पास जारी करने वाले सदर एसडीएम अनु कुमार को निलंबित कर दिया गया है। नवादा के जिलाधिकारी यशपाल मीणा की अनुशंसा पर सामान्य प्रशासन विभाग ने उन्हें निलंबित किया है।विधायक के वाहन चालक से भी मांगा गया स्पष्टीकरण
लॉकडाउन के दौरान बीजेपी विधायक अनिल सिंह द्वारा विधानसभा सचिवालय से आवंटित गाड़ी को बेटी को लाने के लिए कोटा ले जाने के मामले पर बिहार विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) विजय कुमार चौधरी ने सख्त त ख अख्तियार किया है। विधानसभा सचिवालय ने विधायक के वाहन चालक शिवमंगल चौधरी से 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि इस मामले में दोषी पाए जाने वाले सभी संबंधित लोगों पर सख्त कार्रवाई करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।सत्तारूढ़ दल के सचेतक के रूप में आवंटित है गाड़ी
विधायक जिस गाड़ी गाड़ी (बीआर 1 पीजे 0484) से कोटा गए, वह उन्हें सत्तारूढ़ दल बीजेपी के सचेतक के रूप में आवंटित है। इसे वह निजी कार्य के लिए राज्य से बाहर लेकर नहीं जा सकते हैं। किंतु विधायक बिना किसी पूर्व सूचना के इसे निजी कार्य से बिहार से बाहर राजस्थान के कोटा ले गए थे।विधानसभा सचिवालय को नहीं दी कोटा जाने की सूचना
विधानसभा सचिवालय की ओर से कहा गया है कि वाहन चालक को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि किसी भी हाल में बिना विधानसभा सचिवालय की अनुमति के विभागीय वाहन को राज्य से बाहर नहीं ले जाना है। जिस विधायक को यह गाड़ी आवंटित है, यदि वह ऐसा करते हैं तो इसकी सूचना उन्हें तुरंत विधानसभा सचिवालय को देनी होगी। किंतु ऐसी कोई सूचना सचिवालय को नहीं दी गई, जिसे नियम के विरुद्ध मानकर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।स्पीकर बोले: आपदा के दौरान विधायकों की जिम्मेदारी बड़ी
विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने कहा कि संकट की इस घड़ी में जनप्रतिनिधियों की भूमिका बड़ी हो जाती है। लॉकडाउन के दौरान उन्हें अंतिम पायदान पर खड़े लोगों का ध्यान रखना चाहिए और उनतक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने एवं जागरूक करने का प्रयास करना चाहिए।विपक्ष को मिला मुद्दा- तेजस्वी ने सरकार से पूछे सात सवाल
लॉकडाउन की बंदिशों के बीच बीजेपी विधायक अनिल सिंह द्वारा कोटा से बेटी को लाने के मामले ने विपक्ष को मुद्दा थमा दिया है। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राज्य सरकार पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए सात सवाल पूछे हैं। तेजस्वी ने पूछा है कि क्या वापस लौटने पर बीजेपी विधायक की कोरोना जांच की गई? उन्होंने कहा कि विधायक को बिना बीमा वाली गाड़ी को नियमों का उल्लंघन करते हुए पास क्यों दिया गया? डेढ़ साल से बिना बीमा गाड़ी कैसे चल रही थी? कोटा जाने के लिए और कितने को अनुमति दी गई? क्या बीजेपी विधायक के सुरक्षाकर्मी भी साथ गए थे? अगर हां तो क्या पुलिस मुख्यालय ने इसकी इजाजत दी थी? अब तक कितने वीआइपी को पास दिए गए हैं? तेजस्वी ने कहा कि बीजेपी विधायक के मुताबिक अबतक सात सौ लोगों को ऐसे विशेष पास दिए गए थे। अगर यह सूचना सही है तो सरकार को सबके नाम सार्वजनिक करने चाहिए।विधायक की सफाई: प्राइवेट गाड़ी से गए थे कोटा
इस मामले में विधायक अनिल सिंह ने भी अपनी बात रखी है। उन्होंने सरकारी गाड़ी के इस्तेमाल से इन्कार किया है। उन्होंने कहा कि प्राइवेट और सरकारी गाड़ियों का बनवाया था, लेकिन प्राइवेट गाड़ी से ही कोटा गए थे।