
न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : पटना/ बिहार :
छह सितंबर को होने जा रही जदयू की वर्चुअल रैली के भावार्थ एवं भाजपा नेताओं के विपक्ष पर हमले की शिल्प-शैली से साफ है कि इस बार का चुनाव भी लालू-राबड़ी के अखाड़े में ही लड़ा जाना है। सत्ता पक्ष द्वारा 15 साल पहले की भूत और वर्तमान सरकार की तुलना जिस तेवर के साथ की जा रही है, उससे राजद में भी बड़ी बेचैनी है।
लिहाजा नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की ओर से भी उसी शैली में जवाब देने की मुकम्मल तैयारी है। मतलब साफ कि जदयू की तरह राजद भी 15 साल बनाम 15 साल के रास्ते पर ही आगे बढ़ेगा। फर्क सिर्फ इतना होगा कि जदयू पूर्व सरकार की बात करेगा और राजद वर्तमान की। तेजस्वी की टीम राज्य सरकार के काम की पूरी समीक्षा करेगी और कमियों-खामियों का आम लोगों तक सीधा प्रसारण। इसके लिए अलग-अलग सेक्टर के जानकारों की जमात की सेवा ली जाएगी। निगरानी खुद तेजस्वी यादव कर रहे हैं।
तेजस्वी अलग तरह से सजा रहे हैं फील्ड
राजद के कर्णधारों को पता है कि संसाधनों के मामले में जदयू और भाजपा के मुकाबले राजद कहीं नहीं ठहर पाएगा। इसलिए तेजस्वी यादव ने अलग तरीके से फील्ड सजाना शुरू कर दिया है। तीन स्तर की व्यवस्था बनाई गई है। सबसे पहले डिजिटल लड़ाई के लिए गांव-गांव में फैले राजद के कार्यकर्ताओं एवं लालू प्रसाद के समर्थकों को आधुनिक दौर की राजनीति के लिए तैयार किया गया है। उन्हें सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म के लिए प्रशिक्षण दिया गया है। संगठन की ओर से पंचायत स्तर पर वाट्सएप ग्रुप बनाने का काम भी लगभग पूरा किया जा चुका है। फेसबुक एवं अन्य माध्यमों को दुरुस्त कर लिया गया है।
व्यवस्था इस तरह की गई है कि शीर्ष नेतृत्व का कोई भी संदेश प्रसारित होने के साथ ही कम से कम दस लाख लोगों तक पहुंच जाएगा। आखिर मोर्चे पर जमात की सेवा ली जाएगी। विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों के जरिए राज्य की वर्तमान सरकार की कमियों एवं खामियों को उछालने की तैयारी है। इसका खाका तैयार कर लिया गया है। काम अंतिम चरण में है। राजद के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन के मुताबिक राजद के प्रदेश कार्यालय के पीछे खाली जगह में बड़ा पंडाल बनाया जा रहा है, जहां लाइट-साउंड और माइक लगे रहेंगे। प्रतिदिन कृषि, व्यवसाय, शिक्षा एवं रोजगार जैसे विषयों के जानकारों को बुलाकर वर्तमान सरकार के कार्यों की समीक्षा कराने के बाद नाकामयाब पक्ष को सीधे गांव-गांव तक लाइव किया जाएगा। जरूरत पडऩे पर नेतृत्व की टिप्पणियों का भी लाइव प्रसारण होगा।
संवाद की है दोतरफा व्यवस्था
राजद कार्यालय से आम आदमी तक शीर्ष नेतृत्व का संदेश पहुंचाने के साथ ही नीचे की अपेक्षाओं को भी ग्रहण किया जाना है। इसके लिए गांव-गांव में राजद की अलग-अलग टीमें घूम रही हैं, जिनका काम यह जानना है कि नेता प्रतिपक्ष से आम लोगों की क्या अपेक्षाएं हैं? इस काम में निजी एजेंसियों की भी सेवा ली जा रही है। नीचे से आई रिपोर्ट का दोबारा सत्यापन किया जा रहा है। पहली टीम की रिपोर्ट आने के बाद दूसरी टीम को लगाया जाता है। सारी चीजों की निगरानी तेजस्वी खुद कर रहे हैं।