न्यूज़ टुडे टीम ब्रेकिंग अपडेट : मधुबनी-पटना/ बिहार :
एक तरफ कोरोना का कहर तो दूसरी तरफ बाढ़ का खौफनाक दृश्य। बाढ़ पीड़ितों से मिलने बुधवार को नेता प्रतिपक्ष व पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सैकड़ों गाड़ी के काफीले के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। दर्जनों विधायक, मंत्री और हजारों पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ अररिया चौक नवानी पंचायत का हंसौली पुल पर रुककर बाढ़ की समीक्षा करते हुए मधेपुर भेजा थाना के बरसाम पंचायत के बलथी चौक पहुंचे, जहां उनका जोड़दार स्वागत किया गया।
उनकी अगुवानी झंझारपुर में स्थानीय राजद विधायक गुलाब यादव ने किया। उसके बाद बलान और कोसी नदी के गढ़ में बसे बकुआ भरगामा के लिए निकल गये। जिस नाव पे तेजस्वी सवार थे, उसी नाव पर झंझारपुर विधायक गुलाब यादव भी साथ थे। साथ ही पूर्व वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्धिकी, विधायक ललित यादव, पूर्व विधायक राजनगर राम अवतार पासमान भी मौजूद थे। कोसी के उफान को देखकर ये लोग भी कुछ देर के लिए डर गये। कोसी नदी जिसे शोक नदी कहा जाता है। पांच किलोमीटर अंदर गये, वहां का खौफनाक दृश्य देखकर हैरान रह गये। पानी का जल स्तर खतरे के निशान से उपर बह रहा था। हर घर में पानी घुस गया था। दूर-दूर तक कुछ नजर नहीं आ रहा था। लोग घर घर छोड़कर उंचे स्थान पर शरण लिए हुए हैं। बाढ़ से घिरे लोगों से मिलकर ढाढस बढाया और कहा हिम्मत नहीं हारना है। विकट स्थिति है धैर्य से काम ले।
तेजस्वी यादव कोसी नदी के तटबंध पर आये, तो पत्रकारों ने घेर लिया फिर श्री यादव ने बिहार सरकार और खासकर मुख्यमंत्री पर सीधा हमला बोला तेजस्वी ने कहा कि बिहार बाढ़ ने लोगों के जन-जीवन को तबाह कर रख दिया है। हर तरफ पानी ही पानी है। खासकर मुख्यमंत्री को मधेपुरा के कोसी और मिथिलांचल पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए था। हर साल लोग बेघर हो जाते हैं। अपनो को खोने का डर बना रहता है। लेकिन नीतीश कुमार को बाढ़ और कोरोना से नहीं चुनाव से मतलब है। कोरोना से राज्य में हाहाकार मचा हुआ है और मुख्यमंत्री वर्चुअल संवाद में व्यस्त हैं। आक्सीजन के बिना लोग तरप-तरप कर जान गवां रहें हैं और मुख्यमंत्री लाशों पर राजनीति करने में लगे हैं।
उन्होंने कहा कि नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री और उनके सभी मंत्री को पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। बिहार में बाढ़ से लोगों का जनजीवन पूरी अस्त- व्यस्त हो गया है। बाढ़ प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द मदद करे सरकार नहीं तो यहीं बैठ जाउंगा। झंझारपुर के जलजमाव पर पूछे जाने पर स्थानीय विधायक ने कहा कि सड़क से सदन तक लड़ा हूँ। कल भी विधानसभा में जलजमाव का मुद्दा प्रमुखता से उठाया हूँ, पर ये सरकार गूंगी एवं बहरी है। देखिये कब तक नींद खुलती है।