न्यूज़ टुडे टीम एक्सक्लूसिव : पटना/ बिहार :
बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर स्थिति फिलहाल बदहाल है। अस्पतालों में समय पर सुनवाई नहीं होने मरीज और उनके परिजन दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला शनिवार को सामने आया, जिसमें कोरोना मरीज खुद के खर्च पर ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर अस्पतालों के घंटों चक्कर काटता रहा, जहां डॉक्टरों और नर्सों ने उसकी एक न सुनी। यहां तक उसने कई नेताओं को फोन भी किया, पर किसी से मदद नहीं मिली।
पीड़ित ने न्यूज़ टुडे टीम को बताया- पूरे मेडिकल कॉलेज गए। दो घंटे से इसी गाड़ी में बैठे रहे। सबसे दरख्वास्त की, पर कोई देखने तक नहीं आया। घर पर बात की, तब समझ में आया कि एनएमसीएच में कुछ होगा। यहां भी हम तीन घंटे से बैठे हैं, पर कोई देखने वाला नहीं है।
बकौल मरीज, “हमने तीन बार डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी को फोन किया। तीन बार घंटी बजी, पर उन्होंने नहीं उठाया। तेजस्वी को भी फोन किया, पर उन्होंने भी फोन नहीं उठाया।” पत्रकार को आपबीती सुना रहे पीड़ित को इसी बीच एक स्वास्थ्य कर्मचारी ने मदद का आश्वासन दिया और उन्हें वॉर्ड में शिफ्ट कराया।
ऐसा तब हुआ जब, मरीज निजी गाड़ी से अस्पताल पहुंचा था और उसके साथ तब खुद का ऑक्सीजन सिलेंडर भी था, जिसे उन्हें खुद साथ लेकर वॉर्ड तक जाना पड़ा। इसी बीच, सूबे में सत्तारूढ़ जद (यू) के एक और विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। जद (यू) के विधान परिषद सदस्य खालिद अनवर ने शनिवार को कहा कि उनकी कोविड-19 जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है और वह पटना में अपने घर में पृथक रह रहे हैं।
बता दें कि बिहार समेत चार सूबों में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन्हें संक्रमण रोकने और मृत्यु दर एक प्रतिशत से नीचे रखने के लिए नए सिरे से प्रयास करने को कहा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने इन राज्यों के प्रधान सचिवों (स्वास्थ्य) को इस संबंध में एक पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि नए मामलों के कम से कम 80 प्रतिशत संपर्क का पता लगाना और संक्रमण की पुष्टि होने पर 72 घंटे के भीतर पृथक-वास करना सुनिश्चित किया जाए।