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न्यूज़ टुडे एक्सक्लूसिव : बॉलीवुड में स्थापित परिवार नए कलाकारों की इंट्री में सबसे बड़ा बाधा, परिवारवाद ने कर रखा है बॉलीवुड पर कब्जा, बिहार के स्थापित कलाकारों का इन माफियाओं के विरुद्ध कोई प्रतिक्रिया नही दिया जाना बताता है कि स्वार्थ सिद्धि का रास्ता इन्हीं माफियाओं के आसपास केंद्रित है

न्यूज़ टुडे एक्सक्लूसिव :

डा. राजेश अस्थाना, एडिटर इन चीफ, न्यूज़ टुडे मीडिया समूह एवं फ़िल्मकार, युवराज मीडिया एण्ड एंटरटेनमेंट :

बॉलीवुड में स्थापित परिवार नए कलाकारों की इंट्री में सबसे बड़ा बाधा, पूर्व से बिहार के स्थापित कलाकार परिवार भी अपने बेटे बेटियों को चकाचौंध से भरे फिल्मी दुनिया में स्थापित रखने के लिए इन्हीं माफियाओं के आगे घुटने टेके हुए हैं।
★★बिहार के स्थापित कलाकार जैसे शत्रुघ्न सिन्हा, प्रकाश झा, मनोज बाजपेई इत्यादि जैसे दिग्गज कलाकारों द्वारा इन माफियाओं के विरुद्ध कोई प्रतिक्रिया नही दिया जाना यह साबित करता है कि इन लोगों का भी स्वार्थ सिद्धि का रास्ता इन्हीं माफियाओं के आसपास केंद्रित है।
★★★यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है कि जब सुशांत सिंह के पास 7 फिल्में थी लेकिन साजिश के तहत संबंधित डायरेक्टर- प्रोड्यूसरो ने अपनी फिल्मों से उन्हें निकाल दिया। इन लोगों की पहचान भी सार्वजनिक होना चाहिए। आखिर ये कौन लोग हैं जो बॉलीवुड में स्टारडम की सफलता असफलता को तय करते हैं।

सुशांत सिंह राजपूत के आत्महत्या करने के बाद पूरे देश में एक ही चीज की होड़ मची है कि आखिरकार सुशांत सिंह राजपूत के मौत का कारण क्या है। हालांकि मुंबई पुलिस विभाग द्वारा सुशांत सिंह राजपूत के करीबियों से लगातार पूछताछ की जा रही है। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि सुशांत सिंह राजपूत के आत्महत्या के पीछे बॉलीवुड में कब्जा जमा चुके और परिवारवाद को बढ़ावा दे रहे कुछ लोगों का हाथ है उनके द्वारा सुशांत सिंह राजपूत को मानसिक उत्पीड़न दिया गया जिसके कारण उनको यह कदम उठाना पड़ा। बॉलीवुड में स्थापित परिवार नए कलाकारों की इंट्री में सबसे बड़ा बाधा के रूप में सामने आते है।

परिवारवाद ने कर रखा है बॉलीवुड पर कब्जा

बॉलीवुड की रंगीन गलियों पर कब्जा जमाए कुछ स्थापित परिवारों द्वारा भाई,भतीजावाद, पुत्र,पुत्रियों के माध्यम से बरसों से नए कलाकारों के साथ भेदभाव करते चले आ रहे हैं। नए कलाकार बहुत ही मुश्किल से एंट्री पाने में सफल हो भी जाते हैं तो बहुत अधिक दिनों तक टिक नहीं पाते है। 130 करोड़ के आबादी वाला भारत देश में पिछले 40 से 50 वर्षों से मात्र कुछ ही परिवारों का बॉलीवुड में दबदबा बरकरार रहना काफी हैरानी की बात है। अभी तक यह देखा गया है कि इन स्थापित परिवारों में से एक पीढ़ी रिटायर हो जाता हैं तो दूसरा पीढ़ी उसी खानदान से लॉन्च हो जाता हैं।

सुशांत सिंह राजपूत के पीछे बॉलीवुड इंडस्ट्रीज के लोग हीं रचे थे चक्रव्यूह

इन लोगों द्वारा बॉलीवुड इंडस्ट्रीज पर ऐसे चक्रव्यूह की रचना की गई है कि लाख कोशिश करने के बाद भी प्रतिभावान कलाकार को सफलता की सीढ़ियां चढ़ने के लिए या एंट्री पाने के लिए इन लोगों को ही माध्यम बनाना पड़ता है। सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या से बहुत बड़े साजिश की बू आ रही है। सुशांत सिंह सफल कलाकार के तौर पर बॉलीवुड में स्थापित हो चुके थे, फिर कौन उन पर दबाव बना रहा था। यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है कि जब सुशांत सिंह के पास 7 फिल्में थी लेकिन साजिश के तहत संबंधित डायरेक्टर- प्रोड्यूसरो ने अपनी फिल्मों से उन्हें निकाल दिया। आखिर कारण क्या था, सुशांत को किन लोगो के दबाव में फिल्मों से बाहर निकाला गया। इन लोगों की पहचान भी सार्वजनिक होना चाहिए। आखिर ये कौन लोग हैं जो बॉलीवुड में स्टारडम की सफलता असफलता को तय करते हैं।

बिहारी कलाकारों द्वारा क्यों नहीं दिया गया तो कोई प्रतिक्रिया

सबसे दुःखद बात यह है कि सुशांत सिंह राजपूत के आत्महत्या के बाद बिहार के स्थापित कलाकार जैसे शत्रुघ्न सिन्हा, प्रकाश झा, मनोज बाजपेई इत्यादि जैसे दिग्गज कलाकारों द्वारा इन माफियाओं के विरुद्ध कोई प्रतिक्रिया नही दिया जाना यह साबित करता है कि इन लोगों का भी स्वार्थ सिद्धि का रास्ता इन्हीं माफियाओं के आसपास केंद्रित है। शत्रुघ्न सिन्हा, प्रकाश झा जैसे स्थापित परिवार अपने बेटे बेटियों को चकाचौंध से भरे फिल्मी दुनिया में स्थापित रखने के लिए इन्हीं माफियाओं के आगे घुटने टेके हुए हैं।

भारत सरकार को सख्त कदम उठाते हुए बॉलीवुड पर बरसों से कब्जा जमाए हुए इन सफेदपोश माफियाओं के विरुद्ध सर्जिकल स्ट्राइक करवा कर गंदगी को जड़ से साफ करना चाहिए। ताकि मेहनत और अपने प्रतिभा के दम पर मुकाम पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं नए कलाकारों को इन माफियाओं से छुटकारा मिले।

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