न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : मोतिहारी/ बिहार :
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग से पूर्वी चंपारण के सत्तरघाट पुल का उद्घाटन किया। इसकी मांग वर्षों से क्षेत्र के लोग कर रहे थे। पुल बन जाने से गोपालगंज से आवागमन में सुविधा होगी। अभी लोगों को काफी दूरी तय करनी पड़ती है। मौके पर जिले के प्रभारी मंत्री विनोद नारायण झा, कला संस्कृति मंत्री प्रमोद कुमार, जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक व अन्य मौजूद रहे। जिले के केसरिया प्रखंड अंतर्गत गंडक नदी के सत्तरघाट पर नवनिर्मित उच्चस्तरीय आरसीसी पुल पर 263.48 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। पुल की लंबाई 1440 मीटर है।
पूर्वी चंपारण का केसरिया और गोपालगंज का बैकुंठपुर प्रखंड जुड़ा
यहां बता दें कि इस पुल की ऐतिहासिक महत्ता भी है। विश्व का सबसे बड़ा बौद्ध स्तूप पुल के एक छोर पर केसरिया में अवस्थित है। महात्मा बुद्ध के कदमों के साक्ष्य केसरिया की पावन धरती पर रही है। यह पुल मुख्य रुप से पूर्वी चम्पारण के केसरिया प्रखंड और गोपालगंज जिले के बैकुंठपुर प्रखंड को जोड़ता है। गंडक दियारा के नाम से प्रसिद्ध इस इलाके में जलीय खेती जैसे तरबूज, ककरी, परवल, खीरा आदि को भी बेहतर बाजार मिलेंगे। यह परियोजना राम जानकी मार्ग का एक पथांश है। जो राम जानकी मार्ग अयोध्या से जनकपुर तक प्रस्तावित है। इस पुल में 24 स्पेन तथा इसका निर्माण वशिष्ठा कंस्ट्रक्शन कंपनी ने किया है।
मुख्यमंत्री द्वारा इस ऐतिहासिक पुल के उद्घाटन के मौके पर राज्य के पीएचइडी एवं जिले के प्रभारी मंत्री विनोद नारायण झा, कला संस्कृति मंत्री प्रमोद कुमार, जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक, पुलिस अधीक्षक नवीन चंद्र झा,विधायक सचिंद्र प्रसाद सिंह, एमएलसी बबलू गुप्ता, सतीश कुमार, शालिनी मिश्रा आदि उपस्थित रहे।