न्यूज़ टुडे टीम ब्रेकिंग अपडेट : नई दिल्ली :
कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए देश भर में लॉकडाउन के चलते लगभग पूरा कामकाज ठप था. ऐसे में कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों की सैलरी नहीं दी. कुछ ने दी भी तो आधी अधुरी. जबकि गृह मंत्रालय ने कंपनियों को सैलरी नहीं काटने का आदेश दिया था. ऐसे में सरकार के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. आज इस पर अहम फैसला आ सकता है.
फैसला रखा था सुरक्षित
4 जून को सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. दरअसल कंपनियों की दलील है कि वो 29 मार्च से 17 मई के बीच के 54 दिनों की पूरी सैलनी देने की हालत में नहीं है. उनकी दलील थी कि सरकार को ऐसे मुश्किल हालत में उद्योगों की मदद करनी चाहिए. इस केस की सुनवाई जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस संजय कौल और एमआर शाह की बेंच कर रही है.
बैलेंस शीट दिखाए कंपनी
पिछली बार यानी 4 जून को सुनवाई के दौरान कोर्ट को ये जानकारी मिली थी कि कर्मचारियों और कंपनियों के बीच सैलरी को लेकर बातचीत हुई है. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि अगर कोई कोई कंपनी ये कह रही है कि वो पूरी सैलरी देने की हालत में नहीं है तो वो फिर अपनी ऑडिटेड बैलेंस शीट दिखाए.