न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : पटना/ बिहार :
आरक्षण बचाने के लिए बिहार में सभी राजनीतिक दलों के अनुसूचित जाति व जनजाति के विधायक एक मंच पर आ गए हैं। वे देश के सभी अनुसूचित जाति व जनजाति के विधायकों-सांसदों को भी एक मंच पर लाने की पहल कर रहे हैं। उनका कहना है कि सतर्क नहीं हुए तो आरक्षण समाप्त हो जाएगा।
मांझी बोले: आरक्षण समाप्त करने की हो रही साजिश
विधानसभा परिसर में इसे लेकर सोमवार को हुई विधायकों की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि ऐसा लगता है कि आरक्षण खत्म करने की साजिश हो रही है। उन्होंने न्यायपालिका के अलावा निजी क्षेत्रों में भी आरक्षण की मांग की। मांंझी ने बैठक की अध्यक्षता की। जबकि, संचालन जदयू विधायक ललन पासवान ने किया।
अजा-जजा संघर्ष मोर्चा एवं संचालन समिति का गठन
सभी दलों के विधायकों ने सर्वसम्मति से विधानमंडल अनुसूचित जाति-जनजाति आरक्षण बचाओ संघर्ष मोर्चा एवं संचालन समिति का गठन किया। राज्य विधानसभा में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के विधायकों की संख्या 40 है। बैठक में 32 विधायकों के शामिल होने का दावा किया गया। इस वर्ग के सभी विधायक संचालन समिति के सदस्य बनाए गए हैं। बायलॉज बनाने की जिम्मेदारी उद्योग मंत्री श्याम रजक को दी गई। रजक के सुझाव पर सभी विधायकों ने सहमति जताई कि मोर्चा का स्वतंत्र कार्यालय हो।
पूरे देश के एससी-एसटी विधायकों को जोड़ने की कोशिश
देश में इस वर्ग के 1082 विधायक हैं। इन विधायकों को पत्र लिखकर मोर्चा के गठन की जानकारी दी गई। तय हुआ कि देशभर के विधायकों से समन्वय किया जाए। ताकि लंबी और निर्णायक लड़ाई लड़ी जा सके। यह भी तय किया गया कि ज्ञापन देने के लिए प्रधानमंत्री से समय मांगा जाए। समय न मिलने पर अगली रणनीति तय की जाए।
इस मुद्दे पर जनता को जागरूक करने की जरूरत
योजना एवं विकास मंत्री महेश्वर हजारी ने कहा कि इस मुद्दे पर जनता को जागरूक करने की जरूरत है। आरक्षण खत्म करने की साजिश चल रही है। हम सब दल से ऊपर उठकर काम करें। वहीं परिवहन मंत्री संतोष निराला ने कहा कि आरक्षण की लड़ाई बुनियादी स्तर पर लड़ी जाए। जबकि राजद विधायक शिवचंद्र राम ने पंचायत स्तर पर संगठन को मजबूत करने की सलाह दी।