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न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : बंजरिया- मोतिहारी/ बिहार :
देश को बदले स्वरूप की गुलामी की ओर ले जाने की साजिश जारी है।कंपनी राज के शिकंजे में फिर से किसानों को कसने की हो रही साजिश के विरुद्ध खैरा घाट अजगरवा में किसानों का महापंचायत आयोजित हुआ।
इस अवसर पर बैठक को संबोधित करते हुए 1974 छात्र आंदोलन के प्रखर नेता तथा लोकनायक जयप्रकाश नारायण के दाहिना हाथ थे ,ने वतौर मुख्य वक्ता अमर ने कहा कि एक बार फिर से काले अंग्रेज़ी कंपनी मालिकों के हवाले किसानों को करने की गहरी साजिश रची जा रही है।
उन्होंने कहा कि आज फिर से चम्पारण के किसानों को एकजुट होकर शांतिपूर्ण तरीकों से अपनी आवाज को दिल्ली सरकार तक पहुंचाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि तिरवाहा क्षेत्र के किसान विपरीत परिस्थितियों में भी अपनी खेती किसानी को जिंदा रखे हैं जिस पर ग्रामीण अर्थव्यवस्था टिकी हुई है। जबकि आज खेती घाटे का सौदा हो गया है। हम सभी जानते हैं कि खाद, बीज, कीटनाशक, डीजल और खेती किसानी में काम आने वाले मशीनरी और पंप सेट के पार्ट पुर्जे सब के सब महंगे होते चले जा रहे हैं। बावजूद इसके लागत का हमारे द्वारा उत्पादित सामग्रियों का कोई कीमत देने को तैयार नहीं । इन चुनौतियों के बाद भी हम अपनी खेती को जिंदा रखे हैं। क्योंकि यह मेरा व्यवसाय नहीं है यह हमारी संस्कृति है। यह हमारी आजीविका है। जिस पर गांव समाज और देश के हर वह नागरिक जिन्हें अन्न चाहिए , जीने के लिए हमारी पहचान और संकल्प है ।
महापंचायत को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण भी हमारी खेती किसानी पशुधन बगीचा सब प्रभावित हो रहा है । तब भी हम दिन रात चाहे मौसम जो हो पूरी तन्मयता से अपनी खेती किसानी में, अपने पशुपालन में लगे रहते हैं। आज की यह सभा या किसान पंचायत में सरकार का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहना चाहती है कि तिरवाह क्षेत्र के किसानों के अनेक समस्याओं के मकड़जाल से बाहर निकालने हेतु एक ठोस कार्ययोजना सरकार बनाएं ताके सरकार की जो घोषणा है, उपज का डेढ़ गुंडा देने का वह यहां के किसानों को मिल सके। साथ ही हमारे पशु धन और खेती किसान इको बाढ़ जैसी आपदाओं से बचाने हेतु बड़े पैमाने पर बाढ़ निरोधक कार्रवाई इन क्षेत्रों में ससमय शुरू किया जाए। इन क्षेत्रों में आवाजाही के लिए खैरा घाट और सुंदरपुर घाट पर अभिलंब पुल का निर्माण किया जाए। यहां के किसानों की आमदनी को बढ़ाने हेतु पशुपालन, बकरी पालन, दूध उत्पादन, मछली पालन और कृषि और बागवानी को और उत्पादक बनाने हेतु पंचायत स्तर पर किसानों का समूह, महिला किसानों का समूह उन्हें वित्त पोषित और प्रशिक्षित किया जाए। ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और भी मजबूती प्रदान किया जा सके।
उन्होंने कहा कि बाढ़ के कारण पूरे क्षेत्रों में यातायात मार्ग को अभिलंब मरम्मत कराई जाए और जहां जरूरत हो वहां निर्माण भी किया जाए। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र होने के कारण जल निकासी के और उन मार्गों को उड़ाही कराने और उसे और गहरा करने के साथ-साथ किनारों पर फलदार , फूलदार और औषधीय पौधे लगाए जाए। किसान महापंचायत का संचालन उप मुखिया त्रिलोकी मुखिया ने किया।
वही संबोधित करने वालों में सामाजिक कार्यकर्ता हामिद रजा, पचरुखा पूर्वी पंचायत के मुखिया ताम्रध्वज सहनी , सांसद प्रतिनिधि लहवर मुखिया, सुरेश सहनी, सरपंच मोहम्मद इलियास पंचायत रोहिणीया, कृष्णा कुमार, अनवर अली, श्री भगवान साहनी सहित अन्य लोगों ने संबोधित किया।