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न्यूज़ टुडे एक्सक्लूसिव : मोतिहारी/ बिहार :
डा. राजेश अस्थाना, एडिटर इन चीफ, न्यूज़ टुडे मीडिया समूह :
आजकल जिलाधिकारी का आदेश सोशल मीडिया पर ही शोभा बढ़ा रहा है। सरकार के दिशा निर्देश के अनुरूप जिलाधिकारी आदेश पत्र जारी कर देते हैं, फिर उनके अधीनस्थ लोग व्हाट्सएप ग्रुप और फेशबुक जैसे सोशल मीडिया पर भेजकर अपनी जबाबदेही से मुक्त हो जा रहे हैं। उन्हें मूर्तरूप देने में किसी की दिलचस्पी नही है। उधर जिलाधिकारी भी खुश की चलो मुझे काफी अनुभवी और आदेश को कार्यान्वित कराने वाली टीम मिली है।
भला हो कथित सोशल मीडिया का जो आजादी की लड़ाई के समय नही था वरना लोग व्हाट्सएप ग्रुप और फेशबुक पर हीं जंगे आज़ादी जीत कर अंग्रेजों को भारत से भगा दिए होते।
आजकल जिलाधिकारी का आदेश सोशल मीडिया पर ही शोभा बढ़ा रहा है। सरकार के दिशा निर्देश के अनुरूप जिलाधिकारी आदेश पत्र जारी कर देते हैं, फिर उनके अधीनस्थ लोग व्हाट्सएप ग्रुप और फेशबुक जैसे सोशल मीडिया पर भेजकर अपनी जबाबदेही से मुक्त हो जा रहे हैं। उन्हें मूर्तरूप देने में किसी की दिलचस्पी नही है।
हाँ, जिलाधिकारी जब कार्यालय से निकलते हैं तब स्वस्तिवाचन से खुश करनेवालों का जखीरा पीछे पीछे निकलता है और उनके सामने मैं सबसे ज्यादा मेहनत कर रहा हूँ तो मैं सबसे ज्यादा मेहनत कर रहा हूँ की होड़ लगी रहती है। उधर जिलाधिकारी भी खुश की चलो मुझे काफी अनुभवी और आदेश को कार्यान्वित कराने वाली टीम मिली है।
इस क्रम में सबसे पहले कोविड 19 को लेकर लाॅकडाउन के सख्ती से अनुपालन का निर्देश सभी एसडीओ एवं डीएसपी को दिया। जिसके बाद भी जिला मुख्यालय में वाहनों में खासकर चारपहिया व दो पहिया वाहनों का परिचालन में कोई कमी नही रही। सख्ती के बावजूद कल सोमवार को वाहनों की रफ्तार नही थमने तथा वाहनों के रेलमपेल से पूरे शहर में दिन भर जाम लगा रहा, अनुमति प्राप्त लोग परेशान रहे और सभी चौक चौराहों पर पुलिस और दण्डाधिकारी आराम से कुर्सियां तोड़ते रहे। जबकि गांधी चौक से महज 100 गज की दूरी पर नाका नम्बर एक (सहायक थाना) है पर वहाँ के लोगों को फुटपाथी दुकानदारों से प्रतिदिन प्रति दुकानदार 5-10 रुपये वसूलने से फुर्सत हो तब ही न। अब नाका के सामने प्रतिदिन सुबह- दोपहर- शाम जाम लगता है तो लगते रहे। कमोबेश यही स्थिति पूरे शहर के चौक चौराहों की है।
एक बात स्पष्ट कर दें कि हमारा मकसद किसी को नीचा दिखाने की नही है, हमारा मकसद अपनी अपनी जबाबदेही का एहसास करने से है। जो जिस ओहदे पर है उसकी गरिमा का खयाल रखे और अपनी जवाबदेही का निर्वहन करे।