न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : पटना/ बिहार :
म्यूटेशन एवं जमीन से जुड़े दूसरे मामलों के निबटारे में देरी करने वाले राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अधिकारी और कर्मचारी दंडित होंगे। सोमवार को यहां हुई समीक्षा बैठक में विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने कहा कि विभाग का हरेक काम तय समय के भीतर हो। देरी और रिश्वतखोरी की शिकायत मिली तो तुरंत जांच और कार्रवाई होगी। अपर मुख्य सचिव ने सेवाओं की प्रगति से संबंधित रिपोर्ट अंचल से साप्ताहिक स्तर पर मंगाने का निर्देश दिया।
उन्होंने आईटी शाखा को एक सॉफ्टवेयर बनाने का आदेश दिया है। इससे तय समय के भीतर लोक सेवाओं को पूरा नहीं करने वाले राजस्व कर्मियों की पहचान हो जाएगी। इसी आधार पर उन्हें दंडित किया जाएगा। यह सॉफ्टवेयर ऑनलाइन म्यूटेशन, एलपीसी, पंजी- 2 में सुधार के अलावा परिमार्जन पोर्टल और आरटीपीएस काउंटर के जरिए मिलने वाली सेवा की मॉनिटरटिंग करेगा।
सॉफ्टवैयर में दर्ज हो जाएगा कि किस अधिकारी या कर्मचारी के स्तर पर देरी हुई
इन सेवाओं के मामले में सॉफ्टवेयर में दर्ज हो जाएगा कि किस अधिकारी या कर्मचारी के स्तर पर देरी हुई है। इन सेवाओं के निबटारे के लिए समय-सीमा तय है। लेकिन, अपवाद में ही तय समय में रैयत का काम हो पाता है। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि यह धारणा है कि रजस्व कर्मी रैयत से संपर्क करने के लिए देरी करते हैं। पैसे लेने के बाद ही काम करते है।
लंबित मामलों के लिए अलर्ट जारी होगा
सॉफ्टवेयर लंबित मामलों के लिए अलर्ट जारी करेगा। महीने के आखिरी दिन पूरे सूबे के लंबित म्यूटेशन का आंकड़ा कम्प्यूटर पर दिखने लगेगा। अपर मुख्य सचिव ने सभी पुराने मामलों की अलग से समीक्षा करने का निर्देश दिया। यह बात भी सामने आई कि ऐसे हजारों मामले हैं, जो एक साल बीतने के बावजूद बिना किसी वैध कारण के लंबित हैं।