न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : मोतिहारी/ बिहार :
मोतिहारी की धरोहर मोतीझील के विकास व उसे अतिक्रमण कारियों से बचाने के लिए आज पुनः शुरुआत हो गई। इस मामले में जिले के कर्मठ व अच्छी सोंच रखने वाले जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने आज कई अधिकारियों के साथ मिलकर मोतीझील के जलकुंभी को निकालकर शुरुआत कर दी है, इस मौके पर उन्हें शहर के कई बुद्धिजीवियों व पत्रकारों का भी साथ मिला जिससे वे काफी उत्साहित नजर आए।
जिलाधिकारी श्री अशोक ने कहा कि इस मोतीझील में चम्पारण के पूर्वजों की याद व उनकी आत्मा वास कर रही है, इसे अतिक्रमण कारियों से बचाते हुए नए तरीके सजाया जाएगा। उन्होंने ने कहा कि हमारे पहले भी कई अधिकारी व शहर के सामाजिक लोंगो ने इसकी सफाई व इसे बचाने के लिए सार्थक कदम उठाया था जिसे हम सभी मिलकर अब पूरा करेंगे।
जब जिलाधिकारी से पूछा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व स्थानीय सांसद सह पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह के द्वारा घोषणा व पहल पर डीपीआर बना, ठेकेदार भी बहाल हो गए और राशि भी आ गई परन्तु विकास नही हो सका और राशि भी वापस हो गई।
तब श्री शीर्षत ने कहा कि राशि कम पड़ रही थी, इसके पुराने डीपीआर में संशोधित कर पुनः उससे अधिक राशि मंगाई जाएगी तथा इस कार्य की शुरुआत आज कर दी गई है जिसे हर हाल में इस वर्ष ही पूरा किया जाएगा।
बातचीत में जब उन्हें बताया गया कि कई दशक पूर्व तत्कालीन जिलाधिकारी जेएन त्रिपाठी के कार्यकाल (1986-87) में इस झील में नौकाविहार का आनंद उनके साथ साथ जिले के लोग भी लिया करते थे।
श्री अशोक ने कहा कि यह कटु सत्य है कि इतिहास दुहराता है, हमलोग भी उस इतिहास को दुहराएगे, फिर इस झील में नौकाविहार का आनंद हम सभी उठाएंगे। बहरहाल श्री अशोक की इस पहल और इनके पूर्व के जिलों में किये गए कार्यों से ऐसा लगता है कि वे अवश्य ही इस भगीरथी प्रयास के पुरोधा साबित होंगे।