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न्यूज़ टुडे टीम ब्रेकिंग अपडेट : राज्य में नगर निकायों के पुनर्गठन की कार्रवाई के बाद 3000 से कम आबादी वाले पंचायतों की मान्यता होगी खत्म, नए सिरे से गांव-देहात का होगा सर्वे

न्यूज़ टुडे टीम ब्रेकिंग अपडेट : पटना/ बिहार :

राज्य में नगर निकायों के पुनर्गठन की कार्रवाई के बाद पंचायतों के पुनर्गठन को लेकर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने सभी डीएम के साथ बैठक की। पंचायत चुनावों के देखते हुए पंचायतों के पुनर्गठन कार्य को प्राथमिकता के आधार पर शीघ्रता से करने का निर्देश दिया। पंचायती राज विभाग के प्रस्ताव के मुताबिक वर्ष 1991 के जनगणना के आधार पर पंचायत के बचने या विलय करने का निर्णय किया गया है। यह तय किया गया है कि तीन हजार से अधिक जनसंख्या होने पर ही काेई पंचायत बचेगी, कम होने पर बगल की पंचायत में विलय होगी।

मुख्य सचिव के निर्देश के तहत बीडीओ इसे कार्यान्वित करेंगे और जिला पंचायत राज पदाधिकारी इसकी जिला स्तरीय समीक्षा करेंगे। इसके बाद डीएम पंचायत को बरकरार रखने या विलय करने का प्रस्ताव तैयार कर पंचायती राज विभाग को भेजेंगे जिस पर अंतिम निर्णय सरकार लेगी। इसके बाद पंचायत चुनाव के लिए वार्ड की संख्या तय करते हुए वोटर लिस्ट बनेगी। पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने कहा कि पुनर्गठन के बाद 300 पंचायत समाप्त होंगे और 200 पंचायतों के पुनर्गठन की संभावना है। फैसला इसी चुनाव से लागू होगा।

पंचायती राज संस्थाओं को केंद्र सरकार से मिले 1254.50 करोड़

केन्द्र सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं के लिए 15वें वित्त आयोग की सिफारिश के तहत चालू वित्तीय वर्ष की द्वितीय किस्त का अनुदान 1254.50 करोड़ रुपए जारी कर दिया है। इस राशि में से 878 करोड़ रुपए राज्य के 8386 ग्राम पंचायतों को, 250 करोड़ रुपए 534 पंचायत समितियों को और 125 करोड़ रुपए 38 जिला परिषदों को मिलेंगे।

मीणा ने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष में 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर कुल 5018 करोड़ की राशि मिलनी है। इसमें पहली किश्त के रूप में 2509 करोड़ रुपए मिल चुके हैं। दूसरी किश्त की आधी राशि 1254.50 करोड़ अभी मिल गई और बची 1254.50 करोड़ भी शीघ्र ही मिल जाएगी।

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