न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : नई दिल्ली :
निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज में आए जमातियों का पता लगाने में दिल्ली पुलिस ने एक बार फिर अपनी काबिलियत साबित की है। जमातियों की वजह से जिस तेजी से देशभर में कोरोना का संक्रमण फैल रहा था, अगर पुलिस ने उनके बारे में पता लगाने के लिए पेशेवर तरीका न अपनाया होता तो स्थिति और भयावह हो सकती थी। एक सप्ताह पूर्व पुलिस ने अधिकतर जमातियों का पता लगा लिया और सूची गृह मंत्रालय को सौंप दी है। करीब 10 हजार जमातियों के मरकज में आने की बात सामने आई है।पुलिस सूत्रों के अनुसार मरकज में दुनियाभर से आए जमातियों का पता लगाना बड़ी चुनौती थी। पहले मरकज में ठहरे देश-विदेश से आए तकरीबन 2300 जमातियों को बाहर निकालकर उनकी जांच कराई गई। इसके बाद 28 मार्च से पहले जो लोग देश के अलग-अलग राज्यों को लौट चुके थे, उनके बारे में पता लगाया गया।पुलिस की एक बड़ी टीम जहां जमातियों की सूची तैयार करने में जुटी रही, वहीं दूसरी बड़ी टीम उन सभी की लोकेशन व कॉल रिकार्ड खंगालने में जुट गई थी।जमातियों का डाटा तैयार कर पुलिस की सभी यूनिटों स्पेशल सेल, क्राइम ब्रांच, विजिलेंस, आर्थिक अपराध शाखा, पीसीआर, नारकोटिक्स, महिला अपराध शाखा, साइबर सेल, सिक्योरिटी ब्रांच, सभी 15 जिले की पुलिस व जिले के स्पेशल स्टाफ, वाहन चोरी निरोधक दस्ता, जिला अन्वेषण इकाई व पहली से लेकर 12 वीं बटालियन में तैनात करीब 10 हजार पुलिस कर्मियों को सौंप दिया गया।हर पुलिसकर्मी को पांच जमातियों की लोकेशन व कॉल डिटेल के अलावा उनके संपर्क में आने वाले लोगों के भी नाम, पता, मोबाइल नंबर आदि का डाटा सौंप दिया गया। उन्हें जिम्मेदारी सौंपी गई कि पांचों जमातियों के अलावा उनके संपर्क में आए लोगों से पूछताछ कर पता लगाएं कि उनमें कोई बीमार है अथवा नहीं। किसी के बीमार मिलने पर तत्काल स्वास्थ्य विभाग को सूचित कर इलाज के लिए भिजवाया गया।वहीं, संदिग्ध लोगों पर नजर रखी गई। जमात में शामिल होकर अलग-अलग राज्यों को लौट चुके लोगों के बारे में वहां की पुलिस को नजर रखने को कहा गया।