न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : जयपुर/ राजस्थान :
कोरोना संक्रमण से लोग कितने भयभीत है इसका नजारा राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में देखने को मिला। भीलवाड़ा जिले के शेरपुरा गांव निवासी 24 वर्षीय एक युवक कमलेश मीणा चार दिन पहले अजमेर से पैदल चलकर अपने गांव पहुंचा तो ग्रामीणों ने उसे घर नहीं जाने दिया।गांव की सीमा पर ही ग्रामीणों ने उसे रोक दिया और उसे जिला मुख्यालय स्थित सरकारी अस्पताल में जाकर कोरोना की जांच कराने के बाद ही गांव में आने के लिए कहा। कमलेश मीणा भी गांव से बाहर जाने को तैयार नहीं हुआ। इस मुद्दे को लेकर ग्रामीण दो पक्षों में बंट गए, आखिरकार सूचना पर मेडिकल टीम मौक पर पहुंची। मेडिकल टीम ने युवक के सैंपल लेने के साथ ही अन्य जांचें भी की।मेडिकल टीम ने कमलेश मीणा को अपने साथ भीलवाड़ा ले जाने लगी तो ग्रामीणों के एक गुट ने उसे रोक लिया। काफी जद्दोजहद के बाद यह तय किया गया कि गांव से करीब 3 किलोमीटर दूर एक खेत में पेड़ पर मचान बनाकर यह युवक 14 दिन तक रहेगा। पेड़ से सटाकर एक लकड़ी की सीढ़ी लगाई गई है जिसके सहारे वह शौच आदि के लिए उतर सकता है। अपना नित्यकर्म करने के बाद वह वापस पेड़ पर चढ़ जाता है।मेडिकल टीम इसकी प्रतिदिन जांच करती है। जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट का कहना है कि युवक पूरी तरह से स्वस्थ है। वह शहर के किसी क्वारेंटाइन सेंटर में नहीं जाना चाहता था तो उसे पेड़ पर ही क्वारंटाइन किया गया।