न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : नई दिल्ली :
सरकार ने कर सुधारों की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए गुरुवार को करदाता चार्टर लागू करने की घोषणा की। यह कर विभाग के अधिकारियों के कर्तव्यों के साथ करदाताओं के अधिकारों को स्पष्ट करता है। कर विभाग जब तक कुछ गलत साबित नहीं हो, प्रत्येक करदाता के साथ ईमानदार करदाता के रूप में व्यवहार करेगा और उन्हें निष्पक्ष, विनम्र तथा उपयुक्त सेवाएं उपलब्ध कराएगा। गुरुवार को घोषित करदाता चार्टर (अधिकार पत्र) में यह व्यवस्था दी गयी है। साथ ही चार्टर में यह भी अपेक्षा की गयी है कि करदाता समय पर कर का भुगतान करेंगे, ईमानदार रहेंगे और नियमों का अनुपालन करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर व्यवस्था में सुधारों को आगे बढ़ाते हुए ‘पारदर्शी कराधान – ईमानदार का सम्मान’ मंच की शुरूआत की। इसके तहत करदाताओं और अधिकारियों के बीच पहचान रहित (फेसलेस) आकलन और करदाता चार्टर की शुरूआत की गयी है। इसमें फेसलेस अपील करने की भी घोषणा की गयी है जो 25 सितंबर से लागू होगी।
करदाता चार्टर कर विभाग की प्रतिबद्धता और करदाताओं से अपेक्षाओं को परिभाषित करता है। कर अधिकारी अब 14 सूत्री चार्टर को लेकर प्रतिबद्ध होंगे जिसमें कानून के अनुसार केवल बकाया राशि (कर) का संग्रह शामिल है। वहीं करदाताओं को भी अपनी तरफ से जिम्मेदारी निभानी होगी और उन्हें इमानदारी और नियमों के अनुपालन समेत आयकर विभाग के छह सूत्री अपेक्षाओं को पूरा करना होगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 के बजट में घोषणा की थी कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) करदाता चार्टर लाएगा। यह करदाताओं और कर विभाग के बीच भरोसा सुनिश्चित करेगा और विभिन्न प्रकार की परेशानियों को दूर करेगा। साथ ही विभाग की कार्यक्षमता बढ़ाएगा। चार्टर में कहा गया है कि आयकर विभाग अपने अधिकारियों को उनके कार्यों के लिये जवाबदेह बनाएगा। विभाग करदाताओं को निष्पक्ष, विनम्र, तत्काल और यथोचित व्यवहार के साथ-साथ पेशेवर सहायता उपलब्ध कराएगा।
इसके अनुसार अधिकारी के पास जब तक गड़बड़ी होने का कोई ठोस आधार नहीं हो, करदाताओं के साथ ईमानदार करदाता के रूप में व्यवहार करेंगे। चार्टर, कर अधिकारियों को करदाताओं के बारे में सूचना का खुलासा करने से रोकता है और उनके निजता के सम्मान पर जोर देता है। हालांकि, कानून के तहत जरूरी होने पर कर अधिकारी करदाता के बारे में जानकारी दे सकते हैं।