न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : मोतिहारी/ बिहार :
पूर्वी चंपारण जिला के केंद्रीय विश्वविद्यालय और भारत नेपाल सीमा पर सड़क परियोजना में भूमि अधिग्रहण में हुए करोड़ो की घोटाला की जांच अब आर्थिक अपराध इकाई पटना करेगा। आर्थिक अपराध इकाई पटना एसपी ने कांड से सम्बंधित सभी संचिकाओ के साथ कांड के अनुसंधानक को आज उपस्थित होने का निर्देश दिया है। आर्थिक अपराध इकाई के जांच शुरू होने की खबर पर कई अधिकारियों की बढ़ी बेचैनी। तत्कालीन एसपी उपेंद्र शर्मा ने घोटाले की जांच के आर्धिक अपराध इकाई को भेजा गया था।
पूर्वी चंपारण जिला में केंद्रीय विश्वविद्यालय भूमि अधिग्रहण व भारत -नेपाल सीमा पर सड़क परियोजना में फर्जी एलपीसी व भूमिधारक बनकर लगभग 6 करोड़ 22 लाख का घोटाला हुआ था। ममला उजागर होने के प्राथमिकी दर्ज होने के दूसरे दिन ही एक अटर्नी के गाड़ी से करोड़ो रुपया नगद भी बरामद हुआ था। मामले को लेकर तत्कालीन जिला भूअर्जन पदाधिकारी अजित कुमार द्वारा नगर थाना कांड संख्या 824/18 व 875/18 दर्ज कराया गया था। जिसमे तत्कालीन मोतीहारी सीओ सहित 15 प्रथमिकी व अप्राथमिकी अभियुक्तों पर कांड सत्य पाते हुए करवाई की जा रही है। वही तत्कालीन जिला भूअर्जन पदाधिकारी पर रिपोर्ट टू में दिए गए विन्दुओ पर जांच चल रहा है।
कांड के अनुसंधानक अरेराज डीएसपी ज्योति प्रकाश ने मंगलवार को जिला भूअर्जन कार्यालय पहुचकर कई फाइलों की जांच किया गया। वही प्रथमिकी व अप्राथमिकी अभियुक्तों की वर्तमान पता का सत्यापन किया गया। डीएसपी ने बताया कि आर्थिक अपराध इकाई पटना के पुलिस अधीक्षक द्वारा उक्त कांड की संचिका तलब किया गया है।
तत्कालीन जिला भूअर्जन पदाधिकारी के प्रथमिकी में नामजद ललन पटेल कांड सत्यापन में निकले जिला के अशोकपकडी गांव के सत्यभूषण तिवारी उर्फ सुमन तिवारी पिता हरिशंकर तिवारी। डीएसपी ने बताया कि 3 करोड़ 17 लाख 40 हजार 800 रुपया फर्जीवाड़ा के नामजद अभ्युक्त ललन पटेल,प्रमोद मिश्र,राजेन्द्र साह, जयकिशन तिवारी,अरबिंद सिंह,निकी तिवारी व गुलशन तिवारी पर कांड सत्य पाया गया है। वही अप्राथमिकी अभ्युक्त भूअर्जन कार्यालय कर्मी शारदानन्द सिंह,राजस्व कर्मचारी उमेश सिंह,रामनाथ पासवान,जटा शंकर सिंह अमीन,फर्जी रैयत सुखदेव साह, नाजिर सुधीर कुमार सिंह व तत्कालीन मोतीहारी सीओ चौधरी बसंत सिंह पर ममला सत्य पाया गया है। वही तत्कालीन जिला भूअर्जन पदाधिकारी पर अभी जांच चल रहा है।