
न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : बिहार/कोलकाता/भुवनेश्वर/नई दिल्ली :
बंगाल की खाड़ी में उठा तूफान एम्फान बुधवार दोपहर करीब 2.30 बजे बंगाल के दीघा और बांग्लादेश के हातिया के बीच कहर बरपाता हुआ तट से टकरा गया। इस दौरान हवा की गति 190 किलोमीटर प्रति घंटे तक थी। बंगाल में तूफान ने भारी तबाही मचाई है। चक्रवात की चपेट में आने से 12 की मौत हो गई। कई लोगों के घायल होने की सूचना है। हजारों पेड़ उखड़ गए। तेज हवा और भारी बारिश के कारण भारी नुकसान हुआ है। कच्चे मकानों के साथ-साथ कोलकाता समेत कई इलाकों में कई पुरानी पक्की इमारतें भी धराशायी हो गईं। रिपोर्टों के मुताबिक, उत्तरी 24 परगना जिले में करीब 5200 घरों को क्षति पहुंची है।
टूट गए नदियों पर बने बांध
राज्य संवाददाता के मुताबिक, बिजली के खंभे, लैंपपोस्ट, टेलीफोन टावर, ट्रैफिक सिग्नल धराशायी होने के साथ नदियों के तटबंध तक टूट गए। एम्फन को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि इस महाविनाशकारी तूफान से दक्षिण बंगाल में भारी तबाही हुई है। सागरद्वीप से तूफान के टकराकर दाखिल होने के बाद 135 से 140 किलोमीटर की रफ्तार में हवा चल रही थी, जिससे मची तबाही कल्पना से परे है।
सचिवालय को भी नुकसान
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सचिवालय में एम्फन को लेकर बने कंट्रोल रूम में खुद मौजूद थीं। चक्रवात की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सचिवालय के कई गेट व खिड़कियों के शीशे टूट गए हैं। ममता ने कहा कि बंगाल में रात 9 बजे तक जो खबरें आई है उसके अनुसार पेड़ गिरने से कोलकाता, हावड़ा, हुगली, उत्तर व दक्षिण 24 परगना जिले में 12 लोगों की मौत हुई है। अधिकांश मौत पेड़ की चपेट में आने से हुई है। तूफान को लेकर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ममता से टेलीफोन कर बात की और हालात की जानकारी ली।
कोलकाता में भी तबाही
तूफान को देखते हुए कोलकाता स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर शाम को संचालन बंद कर दिया गया। कोलकाता में सैकड़ों पेड़ धराशायी हो गए हैं। कोलकाता में हवा की गति 120 से 133 किलोमीटर प्रतिघंटे रही। कोलकाता में तीन घंटे में 180 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई है और कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। दक्षिण बंगाल के कई जिलों में भी सड़क, बिजली, पुल, संचार व्यवस्था पूरी तरह से धवस्त हो गई है।
एक लाख करोड़ के ज्यादा के नुकसान की आशंका
ममता ने कहा कि जिस तरह की सूचनाएं मिली है उससे ऐसा लग रहा है कि तूफान से एक लाख करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। कहा कि पीने का पानी से लेकर अन्य आवश्यक सामान संपर्क कटे क्षेत्रों तक पहुंचाना सरकार की पहली प्राथमिकता होगी। सरकार ने पहले ही पांच लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया था। जिससे काफी हद तक जनजीवन के नुकसान को नियंत्रित किया जा सका है।
6.58 लाख लोगों को निकाला, बैठक आज
तूफान के टकराने से पहले बंगाल और ओडिशा में तटीय इलाकों से 6.58 लाख लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया था। बांग्लादेश में 24 लाख लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाया गया है। गुरुवार दोपहर 3 बजे एम्फन को लेकर गठित टास्क फोर्स की बैठक बुलाई गई है। इसमें नुकसान और तत्काल लोगों तक राहत पहुंचाने और संपर्क स्थापित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने को लेकर चर्चा होगी।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 41 टीमें तैनात
अधिकारियों ने बताया कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 41 टीमें पश्चिम बंगाल और ओडिशा दोनों राज्यों में तैनात हैं। भुवनेश्वर में अलग से अग्निशमन की 250 तथा ओडिशा फॉरेस्ट डेवलपमेंट कॉरपोरेशन की 100 यूनिट तैनात की गई हैं। भुवनेश्वर व कोलकाता के मौसम विज्ञानियों के अनुसार, सुंदरवन में लैंडफाल करने के बाद एम्फन बांग्लादेश की तरफ कूच कर गया है। हालांकि इससे पहले ओडिशा सीमा से गुजरते समय एम्फन ने राज्य के तटीय जिलों के साथ कुल 12 जिलों को प्रभावित किया है। इसमें से चार जिला जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक एवं बालेश्वर जिले में चक्रवात ने ज्यादा तबाही मचाई है।