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डा. राजेश अस्थाना, एडिटर इन चीफ, न्यूज़ टुडे मीडिया समूह :
*मोतिहारी के बड़े व्यवसायी राम भवन राम यमुना प्रसाद होटल रिसॉर्ट एवं रेस्टोरेंट और बालाजी हुडई ऑटोमाबाईल्स प्रा०लि०, मोतिहारी की इकाई रक्सौल, बेतिया, सीतामढ़ी, समस्तीपुर और मुजफ्फरपुर में यह छापेमारी की जा रही है. वाणिज्य कर विभाग की 09 टीमों द्वारा यह कार्रवाई चल रही है. छापेमारी दल ने बताया कि इन प्रतिष्ठानों में पहली नजर में करोड़ों रुपये की बिक्री छुपाई गई है. विभाग द्वारा कागजातों की छानबीन अभी जारी है.*
बिहार के मोतिहारी में वाणिज्य कर विभाग ने दो प्रमुख प्रतिष्ठानों पर स्टेट जीएसटी की छापेमारी की है. यह कार्रवाई राज्य कर अपर आयुक्त, तिo प्रo मुजफ्फरपुर के निर्देश पर की गई. मोतिहारी के बड़े व्यवसायी राम भवन राम यमुना प्रसाद होटल रिसॉर्ट एवं रेस्टोरेंट और बालाजी हुडई ऑटोमाबाईल्स प्रा०लि०, मोतिहारी की इकाई रक्सौल, बेतिया, सीतामढ़ी, समस्तीपुर और मुजफ्फरपुर में यह छापेमारी की जा रही है. वाणिज्य कर विभाग की 09 टीमों द्वारा यह कार्रवाई चल रही है.
छापेमारी दल ने बताया कि इन प्रतिष्ठानों में पहली नजर में करोड़ों रुपये की बिक्री छुपाई गई है. विभाग द्वारा कागजातों की छानबीन अभी जारी है, और यह पता चला है कि दोनों व्यवसायी केवल आईटीसी से कर का भुगतान कर रहे हैं. कैश में भुगतान बहुत ही कम है, जिससे कर चोरी की संभावना जताई जा रही है.
क्या है इनपुट टैक्स क्रेडिट ?
इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) एक प्रकार का कर लाभ है जो व्यवसायों को मिलता है. जब कोई व्यवसाय किसी वस्तु या सेवा को खरीदता है, तो उस पर जीएसटी (GST) चुकाना पड़ता है. लेकिन जब वही व्यवसाय अपनी वस्तु या सेवा को बेचता है, तो वह अपने द्वारा पहले चुकाए गए जीएसटी को अपने कर की देयता से काट सकता है. साधारण भाषा में कहें तो, यदि आपने किसी सामान को खरीदते वक्त जीएसटी चुकाया है, तो जब आप वही सामान बेचेंगे, तो आप उस जीएसटी को अपनी कर देनदारी (tax liability) से घटा सकते हैं. इस प्रक्रिया को इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) कहा जाता है.
राज्य कर संयुक्त आयुक्त, मोतिहारी ने बताया कि उक्त दोनों प्रतिष्ठानों में प्रथमदृष्टया करोड़ो रूपये की बिक्री को छुपाया गया है। छापेमारी दल द्वारा कागजातों की छानबीन अभी भी जारी है। दोनों व्यवसायी सिर्फ आई०टी०सी० से कर का भुगतान कर रहे है। कैश में भुगतान नगण्य है। राज्य कर संयुक्त आयुक्त, मोतिहारी ने बताया कि छापेमारी के बाद जी०एस०टी० अधिनियम के अर्न्तगत सक्षम प्राधिकार द्वारा कर, ब्याज एवं पेनाल्टी की राशि उक्त दोनों व्यवसायियों पर अधिरोपित किया जायेगा।