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न्यूज़ टुडे एक्सक्लूसिव : बिहार में गंगा में भरभरा कर गिरा पुल, 50 फीट ऊंची उठीं लहरें, गार्ड लापता, नीतीश ने दिए जाँच के आदेश

न्यूज़ टुडे एक्सक्लूसिव :

डा. राजेश अस्थाना, एडिटर इन चीफ, न्यूज़ टुडे मीडिया समूह :

★पुल का कुछ हिस्सा पिछले साल भी गिर चुका है। इसे एसपी सिंगला कंपनी बना रही है। पुल का शिलान्यास 2014 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था। पुल का निर्माण 2015 से चल रहा है। इसकी लागत 1710.77 करोड़ रुपए है। पुल की लंबाई 3.16 किलोमीटर है।★

बिहार के भागलपुर में अगुवानी-सुल्तानगंज के बीच गंगा पर बन रहा पुल रविवार शाम को गिर गया। पुल के चार पिलर भी नदी में समा गए। पुल का करीब 400 मीटर हिस्सा नदी में गिरा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि पुल में क्या गड़बड़ी हुई है, इसकी जांच होगी। जो दोषी पाए जाएंगे उनपर कार्रवाई की जाएगी।

परबत्ता के सीओ चंदन कुमार ने बताया कि पुल गिरने के बाद एसपी सिंगला कंपनी का एक गार्ड लापता है। उसका शव अभी बरामद नहीं हुआ है। पता लगाने के लिए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें तलाश कर रही हैं। इधर, एहतियात के तौर पर पुल के आसपास नावों की आवाजाही रोक दी गई है।

हालांकि इतना बड़ा स्ट्रक्चर गिरने से गंगा नदी में कई फीट ऊंची लहरें उठीं। करीब 50 फीट ऊंची लहरें उठ गईं, जिससे लगा कि सुनामी आ गई है। इससे नदी में नाव पर बैठे लोग सहम गए।

पुल का कुछ हिस्सा पिछले साल भी गिर चुका है। इसे एसपी सिंगला कंपनी बना रही है। पुल का शिलान्यास 2014 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था। पुल का निर्माण 2015 से चल रहा है। इसकी लागत 1710.77 करोड़ रुपए है। पुल की लंबाई 3.16 किलोमीटर है।

गंगा में 50 फीट ऊंची उठी लहर

पुल का बड़ा स्ट्रक्चर गंगा में गिरने से 50 फीट से ज्यादा ऊंची लहरें उठीं। इससे नाव से सफर कर रहे लोग दहशत में आ गए। किसी तरह से नावों को किनारे लाकर लोगों को निकाला गया।

पिछले साल 100 मीटर हिस्सा गिरा था, जांच भी हुई थी

इस निर्माणाधीन पुल का स्ट्रक्चर पिछले साल भी नदी में गिर गया था। तीन पिलर्स के 36 स्लैब यानी करीब 100 फीट लंबा हिस्सा भरभराकर ढह गया था। रात में काम बंद था, इसलिए जनहानि नहीं हुई थी। उस समय पुल निगम के MD के साथ एक टीम ने वहां जाकर जांच भी की थी।

प्रोजेक्ट पूरा होने पर झारखंड से जुड़ जाएगा उत्तर बिहार

यह पुल अगुवानी और सुल्तानगंज घाट (भागलपुर जिला) के बीच बन रहा है। यह बरौनी-खगड़िया एनएच 31 और दक्षिण बिहार के मोकामा, लखीसराय, भागलपुर, मिर्जाचौकी एनएच 80 को जोड़ेगा।

प्रोजेक्ट पूरा होने पर बिहार के खगड़िया की ओर से 16 किलोमीटर और सुल्तानगंज की ओर से चार किलोमीटर लंबी एप्रोच रोड के जरिए उत्तर बिहार सीधे मिर्जा चौकी के रास्ते झारखंड से जुड़ जाएगा। पुल बनने से खगड़िया से भागलपुर आने के लिए 90 किलोमीटर की दूरी मात्र 30 किलोमीटर रह जाएगी।

CM नीतीश ने 8 साल पहले रखी थी आधारशिला

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 23 फरवरी 2014 को खगड़िया जिले के परबत्ता में पुल निर्माण की आधारशिला रखी थी। इसके बाद 9 मार्च 2015 को पुल निर्माण का काम शुरू हुआ था। पुल की लंबाई 3.16 किलोमीटर है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बोले- पुल ध्वस्त हुआ है, इसकी जिम्मेदारी तय हो

भागलपुर में पुल गिरने की घटना को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। इस मौके पर उनके साथ पूर्व पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन भी उपस्थित थे। सम्राट चौधरी ने कहा- सुल्तानगंज में पुल ध्वस्त हुआ, उसके जिम्मेदार कौन है? जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। 2014 में पुल का जब शिलान्यास किया गया, उस समय तेजस्वी यादव पथ निर्माण मंत्री थे। ठेकेदार जब आवंटित हुआ, उस समय भी तेजस्वी मंत्री थे। एक साल पहले पुल का कुछ हिस्सा गिरा, उसकी जांच हुई। उसके बाद भी तेजस्वी ने काम शुरू करवाया। नीतीश कुमार को जवाब देना होगा।

सम्राट चौधरी ने कहा- नीतीश कुमार पर मेरा सीधा आरोप है उनके देखरेख में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। नीतीश कुमार का यही विकास मॉडल है, इस पर उन्हें जवाब देना होगा। नीतीश कुमार इसके जिम्मेदारी से नहीं भाग सकते हैं। सरकार निष्पक्ष जांच कराना चाहती है तो पटना हाईकोर्ट के सीटिंग्स से जांच कराएं।

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा- ठेकेदार किसने चयनित किया, टेक्नोलॉजी क्या कुछ उपयोग की गई, इस निर्माण कार्य के लिए उसकी भी जांच हो। गरीब जनता का जो पैसा खर्च हुआ, बर्बाद हो गया है। कौन-कौन देगा तेजस्वी और नीतीश कुमार अपने निजी फंड से देंगे क्या?

इधर, पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा है कि भागलपुर में 1750 करोड़ की लागत से बन रहा सुल्तानगंज-अगुवानी पुल के बड़े हिस्से का फिर से ध्वस्त होना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे भ्रष्टाचार की बू आ रही है । राज्य सरकार को केंद्रीय एजेंसी से जाँच करवानी चाहिए कि आख़िर ऐसा क्यों हो रहा है। इस पुल का निर्माण कर रही कंपनी द्वारा बनाए गये दूसरे पुलों की भी जाँच होनी चाहिए, कहीं उसमें कोई ख़तरा तो नहीं है । वहीं, परबत्ता से विधायक डॉ. संजीव कुमार ने कहा कि जिस तरह से पुल गिरा है। भ्रष्टाचार के लिए इससे बड़ा प्रमाण और क्या हो सकता है? पुल निर्माण कार्य में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। पिछले वर्ष जब पुल का एक हिस्सा गिरा था तो मैंने विधानसभा में इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी।

मंत्री की सफाई- पुल टूटने का शक पहले से था डिजाइन पर सवाल उठा तो 5 नंबर पिलर तुड़वाया

उपमुख्यमंत्री तेजस्वी ने पुल गिरने पर कहा कि इसका शक पहले से था। 30 अप्रैल, 2022 को पुल के 5 नंबर पिलर का सेगमेंट गिरा था जिसकी जांच आईआईटी रुड़की-मुंबई व एनआईटी पटना ने की। डिजाइन पर सवाल उठा तो 5 नंबर पिलर के सभी सेगमेंट को तुड़वा दिया गया। आईआईटी रुड़की की जांच रिपोर्ट आनी है। इसी बीच रविवार को यह घटना हुई। हमें शंका थी, इसलिए नवंबर 2022 में भी हमने निर्देश दिया था कि पूरी जांच होनी चाहिए।

डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा है कि स्ट्रक्चर टूटने का जो नुकसान आया है। वह सरकार पर नहीं ठेकेदार पर आएगा। इस घटना में किसी के मरने या घायल होने की खबर नहीं है। वहीं, पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा कि यह ब्रिज पूरे इलाके के लिए वरदान है। पूरी डिजाइन में डिफेक्ट की बात सामने आई थी। ठेकेदार पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घटना के बाद पूरी जानकारी ली है। 3 महीने में नए सिरे से काम करेंगे।

गिरे पुल के तार जुड़े हरियाणा से

बिहार के भागलपुर में गिरे पुल के तार हरियाणा से जुड़ गए हैं। पुल निर्माण का ठेका लेने वाली कंपनी हरियाणा के पंचकूला की है। 1700 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जा रहा 3 किलोमीटर से अधिक लंबा पुल इससे पहले 2022 में भी गिर चुका है।

बताया जा रहा है कि बिहार के CM नीतीश कुमार ने इस मामले की जांच के निर्देश दिए हैं, जिसके बाद बिहार से एक टीम जांच के लिए पंचकूला पहुंच सकती है। हालांकि पंचकूला की ठेका लेने वाली SP सिंगला कंस्ट्रक्शन कंपनी के अधिकारी इस घटना के बारे में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।

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