न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : मोतिहारी/ बिहार :
वैश्विक महामारी कोरोना के कहर से बचने के लिए केंद्र सरकार, राज्य सरकार, नगर परिषद से लेकर सामाजिक संस्थाएं तक जुटी हुई हैं। लाॅकडाउन के साथ-साथ कई ऐहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं, वहीं स्वच्छता पर भी पूरा ध्यान दिया जा रहा है। लेकिन इस पूरी कसरत पर आवारा पशु पानी फेर दे रहे हैं। शहर का ज्ञान बाबू चौक हो या गांधी चौक, चांदमारी हो या बलुआ हर जगह आवारा पशु गंदगी फैला कर साफ-सफाई अभियान को मुंह चिढ़ा रहे हैं। शहरवासियों को डर है कि इनकी वजह से स्थिति भयावह न हो जाए। बुधवार को सामाजिक संस्था ग्रीन एंड क्लीन के तत्वावधान में कई पार्षदों और आम लोगों ने इस मसले को लेकर नगर परिषद को मांगपत्र सौंप कर आवारा पशुओं से तुरंत निजात दिलाने की मांग की। ऐसा नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी गई।
उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी को देखते हुए शहर में साफ सफाई की व्यवस्था पुख्ता कर दी गई है। नगर परिषद के कर्मचारी प्रतिदिन अपना वाहन निकालते हैं। वे शहर के प्रत्येक हिस्से में जाते हैं और गंदगी को उठाते हैं। वहीं ग्रीन एंड क्लीन जैसी सामाजिक संस्थाएं शहर में सेनेटाइजर का छिड़काव करने, मास्क उपलब्ध कराने, हैंड सेनेटाइजर और ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करने में लगी हैं। इसके सदस्य स्वच्छता पर भी ध्यान दे रहे हैं और जागरूकता फैला रहे हैं। नगर परिषद और सामाजिक संस्थाओं का काम तब निरर्थक साबित हो जाता है, जब आवारा पशु स्वच्छता को गंदगी में तबदील कर देते हैं। इन दिनों सड़कों पर आवारा पशुओं की अचानक बाढ़ आ गई है।
मोहल्लों और मुख्य सड़कों पर आवारा गायों की संख्या अचानक से बढ़ गई है। लाॅकडाउन में पशुपालकों को अपनी गायों का विशेष ध्यान रखना चाहिए पर वे ऐसा नहीं कर रहे हैं। उन्होंने गायों को बाड़ में रखने के बजाय खुला छोड़ दिया है। ये गायें गंदगी और कूड़ा स्थलों पर भोजन तलाशती हैं। पेट भर भोजन नहीं मिलने पर पाॅलीथिन व अन्य वस्तुएं खा ले रही हैं। इन्हीं गायों से सुबह- सुबह दूध दोहा जाता है। फिर इसी दूध को लोग पीते हैं। अब खुद अंदाजा लगाइए कि इस दूध को पीने वाला किन-किन बीमारियों की चपेट में आएगा। सुबह दूध दोहने के बाद गायों को खुला छोड़ देना सीधा-सीधा आम लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है। इसके अलावा बड़ी संख्या में ऐसी भी गायें हैं जो दूध नहीं देतीं और वे हमेशा सड़कों पर ही विचरती रहती हैं।
वहीं, सुअरों की वजह से भी शहर में गंदगी फैली रह रही हैै। इनकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही हैै। जानपुल हो या स्टेशन रोड, मिस्कौट हो या चांदमारी के मोहल्ले, हर जगह आवारा सुअरों का बोलबाला है। गांधी चौक को तो मानों सुअरों ने अपना आराम स्थल बना लिया है। कूड़े के ढेर पर वे हमेशा लोटते रहते हैं। इन्हें देख कर ऐसा लगता है कि मानों वे सफाई कर्मचारियों चिढ़ा रहे हों कि तुम चाहे कुछ भी कर लो वे ऐसे ही गंदगी फैलाएंगे।
लाॅकडाउन में कमोबेस यही हाल कुत्तों का भी है। कुत्तों को इनके मालिकों ने सड़कों पर छोड़ दिया है। भोजन की तलाश में वे इधर- उधर मंडराते रहते हैं। कई बार तो वे राहगीरों पर हमला कर देते हैं। चौक चैराहों पर गंदगी के ढेर पर ऐसे कई दृश्य देखे गए कि कभी कुत्ते, सुअर के मुंह से खाने के लिए गंदगी छीन रहे हैं तो कभी सुअर, गाय और कुत्तों के मुंह से। कुल मिला कर शहर के लोगों का जीवन नारकीय हो गया है। आवारा पशुओं ने गंदगी को हर जगह फैला दिया है। बदबू से बुरा हाल हैै।
डेढ़ माह से शहर को सेनेटाइज और स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक कर रही सामाजिक संस्था ग्रीन एंड क्लीन के संस्थापक अध्यक्ष और नगर पार्षद अमरेंद्र सिंह कहते हैं कि हम लोग लगातार पशुपालकों से अनुरोध कर रहे हैं कि वे अपने पशुओं को तय स्थान पर ही रखें। उन्हें खुला न छोड़ें। लाॅकडाउन में विशेष ध्यान रखना है। लेकिन इसका असर नहीं हो रहा है। जो भी स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है वो सब बेकार साबित हो रहा हैै। नगर परिषद को अब सख्ती बरतने की आवश्यकता है। ऐसा नहीं किया गया तो अब जनता सड़कों पर उतर जाएगी.
नगर परिषद को मांग पत्र सौंपने वालों में रिटायर शिक्षक अमित सेन, हरीश कुमार, अजय वर्मा, सुधीर कुमार गुप्ता, संजय कुमार उर्फ टुन्ना, आलोक रंजन, वार्ड संख्या 5 के पार्षद पति हरीश कुमार, वार्ड 9 के पार्षद विजय जायसवाल, विवेक श्रीवास्तव, अर्जुन कुमार, विनय स्वर्णकार आदि प्रमुख थे।