Home अध्यात्म न्यूज़ टुडे एक्सक्लूसिव : विश्व की सबसे बड़े राम, सीता, शिव और...

न्यूज़ टुडे एक्सक्लूसिव : विश्व की सबसे बड़े राम, सीता, शिव और बुद्ध मूर्ति से अब बिहार की एक और पहचान होगी

न्यूज़ टुडे एक्सक्लूसिव :

डा. राजेश अस्थाना, एडिटर इन चीफ, न्यूज़ टुडे मीडिया समूह :

★अब बिहार की एक और पहचान होगी, वो पहचान होगी- सबसे बड़े राम, सीता, शिव और बुद्ध की मूर्ति से। यहां इनकी विश्व की सबसे बड़ी मूर्ति लगाई जाएंगी। सबकी अपनी खासियत होगी। बक्सर में भगवान श्रीराम और सीतामढ़ी में माता सीता, बोधगया में महात्मा बुद्ध की मूर्ति (तैयार हो गई है) इसके साथ पूर्वी चंपारण में विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग स्थापित होगा।★

अब बिहार की एक और पहचान होगी, वो पहचान होगी- सबसे बड़े राम, सीता, शिव और बुद्ध की मूर्ति से। यहां इनकी विश्व की सबसे बड़ी मूर्ति लगाई जाएंगी। सबकी अपनी खासियत होगी।

बक्सर में भगवान श्रीराम और सीतामढ़ी में माता सीता, बोधगया में महात्मा बुद्ध की मूर्ति (तैयार हो गई है) इसके साथ पूर्वी चंपारण में विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग स्थापित होगा।

पूर्वी चंपारण के केसरिया कैथवलिया (जानकी नगर) में बन रहे विराट रामायण मंदिर में विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग स्थापित किया जाएगा। शिवलिंग की उचांई के साथ गोलाई भी 33 फीट होगी। लगभग 250 मीट्रिक टन वजन वाले इस शिवलिंग को तमिलनाडु के त्रिचुरापल्ली की पहाड़ी ग्रेनाइट से तैयार किया जा रहा है।

इसमें सबसे ऊपर शिव के पांच मुख (पंचानन) होंगे और नीचे 1008 सहस्रलिंगम की नक्काशी होगी। मंदिर का उद्घाटन 2024 में होगा, जिसके बाद दर्शन-पूजन शुरू हो जाएंगे। तमिलनाडु के त्रिचुरापल्ली की पहाड़ी ग्रेनाइट को शिवलिंग बनाने के लिए 156 चक्के और 122 फीट लंबी लॉरी से महाबलीपुरम पहुंचाया गया है। वहां से तराशने के बाद इसे कैथवलिया लाया जाएगा।

शिवलिंग ऐसा है कि इसे बिहार तक लाने में डेढ़ महीने लग जाएंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि ट्रक की स्पीड 5 किलोमीटर प्रति घंटे होगी। वजन से कहीं सड़क न धंस जाए, इसलिए चकिया से कैथवलिया तक 12 किलोमीटर तक विशेष तकनीक से सड़क और पुल-पुलिया भी बनाई जाएगी।

महावीर मंदिर ट्रस्ट के सचिव आचार्य किशोर कुणाल बताते हैं कि दुनिया के सबसे बड़े शिवलिंग का निर्माण तमिलनाडु के महाबलीपुरम में हो रहा है। शिवलिंग इतना विशाल है कि इसे स्थापित करने के लिए पहले मंदिर में पाइलिंग का काम होगा, प्लिंथ तक आकर काम रोक दिया जाएगा। इसके बाद शिवलिंग की स्थापना होगी, तब छत का निर्माण शुरू होगा। वर्ष 2023 में शिवलिंग स्थापित हो जाएगा, लेकिन मंदिर का निर्माण 2024 तक पूरा होगा।

इश्तियाक अहमद ने दान की ढाई करोड़ की जमीन

मोतिहारी में बन रहे विराट रामायण मंदिर के लिए चम्पारण के इश्तियाक अहमद ने ढाई करोड़ की लगभग 23 कट्‌ठा जमीन दान की है। अयोध्या से जनकपुर तक बन रहे जानकी पथ पर ही चंपारण का जानकी नगर है, जहां विराट रामायण मंदिर बनाया जा रहा है। ऐसी मान्यता है कि प्रभु श्रीराम की बारात जनकपुर से वापसी के दौरान मोतिहारी के इसी स्थान पर रुकी थी, जहां अब मंदिर और विश्व का संबसे बड़ा शिवलिंग बनाया जा रहा है।

पटना के महावीर मंदिर ट्रस्ट द्वारा बनवाया जा रहा यह मंदिर नया इतिहास बनाएगा। ट्रस्ट के सचिव आचार्य किशोर कुणाल के मुताबिक मंदिर की उंचाई 270 फीट और लंबाई 180 फीट है, जबकि चौड़ाई 540 फीट होगी। मंदिर के तीनों तरफ से सड़क होगी। विराट रामायण मंदिर को नोएडा की एसबीएल कंपनी बना रही है। मंदिर के निर्माण में लगभग 500 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।

बोधगया में शयन मुद्रा वाली सबसे बड़ी मूर्ति

बोधगया जहां भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई वहां अब बिहार नया इतिहास बनाने जा रहा है। महात्मा बुद्ध की शयन मुद्रा वाली दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति यहां बनकर तैयार है। बुद्धा इंटरनेशनल वेलफेयर मिशन द्वारा बनवाई जा रही मूर्ति के लिए कोलकाता के मशहूर मूर्तिकार मिंटू पॉल और उनकी टीम को लगाया गया है।

बुद्ध मूर्ति की लंबाई 100 फीट और उंचाई 30 और चौड़ाई 24 फीट है। भगवान बुद्ध की यह मूर्ति महापरिनिर्वाण (शयन मुद्रा) में बनाई जा रही है। माना जा रहा है कि इस मुद्रा में यह दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति है।

बुद्धा इंटरनेशनल वेलफेयर मिशन के फाउंडर सेक्रेटरी आर्य पाल भिक्षु के मुताबिक 2011 में इसकी नींव रखी गई थी, 2019 में काम शुरू कराया गया था। कोरोना के कारण मूर्ति के निर्माण में थोड़ी देरी हो गई। फाइबर ग्लास से बनी मूर्ति का निर्माण लगभग पूरा हो गया है, फरवरी में इसका उद्घाटन कर दिया जाएगा।

बुद्धा इंटरनेशनल वेलफेयर मिशन के आर्य पॉल भिक्षु बताते हैं कि यह बुद्ध की अद्भुत मूर्ति होगी, भगवान बुद्ध ने 80 साल की अवस्था में इसी मुद्रा में अपना अंतिम संदेश दिया था। भगवान बुद्ध की इस अदभुत मूर्ति में उत्तर दिशा में दाहिने हाथ पर उनका सिर टिका है। पैर पश्चिम दिशा में हैं, चेहरे पर दिख रही शांति बड़ा संदेश दे रही है। दोनों होठों को देखकर लगता है कि भगवान बुद्ध मुस्कान भाव में हैं। कोलकाता के मूर्तिकार मिंटू पाॅल और उनके साथ 22 शिल्पकारों ने अपनी कला से मूर्ति में जान डाल दी है। बोधगया नगर पंचायत क्षेत्र के न्योतापुर के जानी बिगहा में भगवान बुद्ध की यह मूर्ति बिहार की नई पहचान बनेगी।

विश्वामित्र की नगरी में श्रीराम की दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति

बक्सर को विश्वामित्र की नगरी कहा जाता है। यहां भगवान श्रीराम ने ताड़का और सुबाहू जैसे कई राक्षसों का बधकर ऋषि मुनियाें को मुक्ति दिलाई थी। ऋषियों की इस पावन नगरी से ही श्रीराम ने गुरु विश्वामित्र के साथ माता सीता के स्वयंवर के लिए जनकपुर प्रस्थान किया था।

बक्सर अब दुनिया की सबसे बड़ी राम मूर्ति के लिए भी जाना जाएगा। यहां एक हजार फीट उंची मूर्ति बनाने की योजना 2024 तक पूरी हो जाएगी।

मूर्ति का निर्माण साधु-संतों के साथ आम जन के सहयोग से होगा, पहला चंदा 9 लाख रुपया श्रीमदभागवत तुलसी पीठाधीश्वर पद्मविभूषण जगदगुरु रामभद्राचार्य जी महाराज ने बक्सर में आयोजित 1357 वीं श्री रामकथा में दिया है।

जानिए श्रीराम के अंग्रेजी नाम का कनेक्शन

मूर्ति का प्रस्ताव हुआ तो बक्सर में आयोजित सनातन संस्कृति समागम में श्रीराम कथा में पहला चंदा देते हुए श्रीमदभागवत तुलसी पीठाधीश्वर पद्मविभूषण जगदगुरु रामभद्राचार्य जी महाराज ने मंच से ही आम लोगों से नाम काे लेकर पूछा था। जगदगुरु रामभद्राचार्य जी महाराज ने तीन नाम “स्टेच्यू ऑफ ऑलमाइटी”, “स्टेच्यू ऑफ ह्यूमैनिटीज” और “स्टेच्यू ऑफ विक्ट्री” सुझाए थे। जनता ने स्टेच्यू ऑफ ऑलमाइटी पर मुहर लगाई थी। मूर्ति के निर्माण के लिए हर घर से 9-9 रुपए दान लेने की योजना बनाई गई है।

मूर्ति निर्माण की योजना पर काम कर रहे, बक्सर के सांसद अश्विनी चौबे बताते हैं कि 2024 तक दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति का काम पूरा कर राम की धरती को विश्व में नई पहचान दिलाएंगे। जमीन की तलाश के साथ भूमि पूजन को लेकर अभियान चल रहा है, बहुत जल्द इसका कार्यक्रम भी घोषित कर दिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे का कहना है कि श्रीराम कर्मभूमि न्यास के तत्वावधान पूज्य जीयर स्वामी जी के सानिध्य में माता अहिल्या धाम, अहिरौली में श्री रामभद्राचार्य महाराज जी बड़ा संकल्प लिया है।

उन्होंने अपनी 1357 वीं रामकथा के चौथे दिन बक्सर की अस्मिता को स्थापित करने के लिए श्रीराम कर्मभूमि को विश्व पटल पर पहचान दिलाने के लिए ताड़का और सुबाहु का वध करते हुए भगवान राम की इतिहास की सबसे बड़ी मूर्ति स्थापित करने का संकल्प लिया है। इसे 2024 तक हर हाल में पूरा करा लिया जाएगा। इससे अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि का दर्शन करने वाले बक्सर में श्रीराम की कर्मभूमि को प्रणाम करने अवश्य आएंगे।

सीतामढ़ी में 251 फीट ऊंची सीता की मूर्ति

सीतामढ़ी को मां जानकी के लिए जाना जाता है। अब इसकी एक और पहचान होगी, वह होगी माता सीता की दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति के लिए। डुमरा में 251 फीट उंची मूर्ति बनाई जाएगी, जो विश्व की सबसे बड़ी मूर्तियों में से एक होगी। मूर्ति के लिए ढाई कट्‌ठा जमीन देकर मोहम्मद निजामुद्दीन मिसाल बन गए हैं। मूर्ति स्थापना के लिए क्षेत्र के सभी धर्म के लोग सहयोग कर रहे हैं। नारी सशक्तिकरण की मिसाल कही जाने वाले मां जानकी की मूर्ति से क्षेत्र पर्यटक स्थल बनेगा।

श्री भगवती सीता तीर्थ क्षेत्र समिति के अध्यक्ष और सांसद सुनील कुमार पिंटू के मुताबिक राघोपुर बखरी के निवासी महंत रामलाल दास ने माता सीता की मूर्ति के निर्माण के लिए लगभग 19 एकड़ जमीन को दान दिया है। जमीन का एग्रीमेंट पूरा होते ही माता सीता की दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति के निर्माण का काम शुरू हो जाएगा।

रामायण रिसर्च कांउसिल श्रीभगवती सीता तीर्थ क्षेत्र समिति का कहना है कि मूर्ति के लिए जो स्थल चुना गया है, उसके आसपास की 33.86 एकड़ भूमि का रजिस्ट्री शुल्क बिहार सरकार ने माफ कर दिया है।

इंडोनेशिया की मिट्‌टी और जल से होगी स्थापना

दुनिया की सबसे बड़ी सीता की मूर्ति को शक्ति स्थल के रुप में तैयार किया जाएगा। रामायण रिसर्च काउंसिल मुख्य मार्ग दर्शक श्रीश्री 1008 परमहंस स्वामी सांदीपेंद्र जी महाराज उस स्थान को बड़ा शक्ति स्थल के रुप में विकसित करना चाहते हैं। इसके लिए 51 शक्तिपीठों समेत इंडोनेशिया, बाली, अशोक वाटिका जैसे स्थानों से मिट्‌टी और जल लाकर तथा मध्य प्रदेश के नलखेड़ा स्थित माता बंगलामुखी की ज्योति लाकर माता सीताजी को श्रीभगवती के रुप में स्थापित किया जाएगा।

लगभग 400 करोड़ की इस योजना मे 251 फीट उंची मूर्ति की परिधि में माता सीता के बाल्यकाल से लेकर स्वयंवर समेत सभी महत्वपूर्ण जीवनवृतों को 108 मूर्तियों से सजाया जाएगा। पूरे स्थल को नौका बिहार से जोड़ा जाएगा। परियोजना को लेकर श्री भगवती सीता तीर्थ क्षेत्र समिति का गठन किया गया है। योजना को लेकर राज्य और केन्द्र सरकार की भी मंजूरी मिल चुकी है।

हनुमान की मूर्ति जिसे भूकंप भी नहीं हिला सकता

बिहार में एक ऐसे हनुमान की मूर्ति स्थापित की जा रही है, बिल्डिंग ढहा देना वाला भूकंप भी नहीं हिला सकता। यह बिहार में हनुमान की सबसे बड़ी मूर्ति होगी। छपरा शहर के प्रभुनाथ नगर कदम चौक के पास इसे स्थापित किया जाएगा। यह 55 फीट उंची होगी, वर्ष 2015 से इसका निर्माण कार्य लगभग पूरा हो गया है, 2023 में इसका उद्घाटन कर दिया जाएगा।

बिहार की सबसे बड़े हनुमानजी की मूर्ति का उद्घाटन यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के हाथों कराने की तैयारी की जा रही है। मूर्ति का निर्माण दिल्ली करोलबाग के मूर्तिकार सोनू पटेल अपनी 20 से अधिक मूर्तिकारों की टीम के साथ कर रहे हैं। मूर्ति कंक्रीट और लोहे के सरिया से बना है।
जमीन के अंदर 40 फीट तक मूर्ति का फाउंडेशन किया गया है, ताकि मूर्ति पर भूकंप और आंधी का प्रभाव न पड़े। तेज गति से हवा और आंधी के लिए मूर्ति से सीने में स्टेचू ऑफ यूनिटी के तर्ज पर क्रॉस वेंटिलेशन (छोटे-छोटे छिद्र) छोड़े गए हैं। धूल, धूप और हवा से रंग को बचाने के लिए मल्टी लेयर कलर कोटिंग टेक्नोलॉजी के साथ विदेश से इम्पोर्टेड पेंट का इस्तेमाल किया जा रहा है। मूर्ति में एक हाथ में हनुमानजी गदा पकड़े हुए हैं तो दूसरे हाथ से श्रद्धालु भक्तों को आशीर्वाद दे रहे हैं। हनुमानजी की विशालकाय मूर्ति सुर्ख लाल रंग की होगी और यह दूर से ही काफी आकर्षक करेगी।

ताजमहल बनाने वालों के परिवार ने बनाया इस्कॉन मंदिर

पटना में देश का चौथा बड़ा इस्कॉन मंदिर है। यह भी अपने आप में इतिहास है, क्योंकि इसे ताजमहल बनाने वाले कारीगरों के वंशजों ने बनाया है। लगभग 108 फीट ऊंचाई वाले इस्कॉन मंदिर में एक साथ 500 लोगों के बैठने की व्यवस्था है। मंदिर को 11 साल में 100 करोड़ की लागत से बनाया गया है। बिहार के इस मंदिर का ताजमहल से कनेक्शन इसे काफी खास बना रहा है। 84 खंभे वाले इस मंदिर का 3 मई 2022 को उद्घाटन किया गया है। मंदिर के पुजारी राममूर्ति दास बताते हैं कि मंदिर में अपने आप अलग पहचान रखता है। इसमें मकराना का संगमरमर लगा है, जो इसकी खूबसूरती को और बढ़ाता है। पटना के बुद्ध मार्ग पर दो एकड़ में बने श्री राधा बांके बिहारी जी की 4 मंजिला मंदिर को सेमी अंडर ग्राउंड बनाया गया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Our Visitor

6000682
Users Today : 113
Users Yesterday : 198
Users Last 7 days : 907
Users Last 30 days : 1234
Users This Month : 1159
Users This Year : 2329
Total Users : 6000682
Views Today : 167
Views Yesterday : 282
Views Last 7 days : 1627
Views Last 30 days : 4220
Views This Month : 3055
Views This Year : 10806
Total views : 6641893
Who's Online : 1
Your IP Address : 18.118.140.108
Server Time : 2024-04-20
- Advertisment -

Most Popular

न्यूज़ टुडे एक्सक्लूसिव : जब भाषण देते हुए अचानक मंच पर ही रोने लगे BJP सांसद राधा मोहन सिंह

न्यूज़ टुडे एक्सक्लूसिव : डा. राजेश अस्थाना, एडिटर इन चीफ, न्यूज़ टुडे मीडिया समूह : ★चरखा पार्क के उद्घाटन के बाद भाषण देते समय सांसद राधा...

न्यूज़ टुडे एक्सक्लूसिव : ‘मोतिहारी में पार्टी प्रत्याशी कोई हो, चुनाव मैं स्वयं लड़ूंगा’ : सांसद राधामोहन सिंह

न्यूज़ टुडे एक्सक्लूसिव : डा. राजेश अस्थाना, एडिटर इन चीफ, न्यूज़ टुडे मीडिया समूह : ★लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बीजेपी का ही होगा. मैं लड़ूं या...

न्यूज़ टुडे टीम फ़िल्म अपडेट : मुंबई बॉलीवुड के कार्यक्रम में मोतिहारी का जलवा, डा.राजेश अस्थाना, निशांत उज्ज्वल व अमित सर्राफ के साथ सम्मानित...

न्यूज़ टुडे टीम फ़िल्म अपडेट : मुम्बई मो. शहज़ाद खान : ब्यूरो चीफ, न्यूज़ टुडे टीम फ़िल्म अपडेट, मुम्बई ★मुम्बई में भोजपुरी सिनेमा के प्रसिद्ध अवार्ड...

न्यूज़ टुडे ब्रेकिंग अपडेट : सम्पूर्ण विश्व में चम्पारण के अतीत के अनछुए पहलुओं से रूबरू कराती फ़िल्म “चम्पारण सत्याग्रह” युगों युगों तक रामायण...

न्यूज़ टुडे ब्रेकिंग अपडेट : मोतिहारी रिंकू गिरी, स्थानीय संवाददाता  ★आज की युवा पीढ़ी चम्पारण सत्याग्रह को न के बराबर जानती है। उन्हें यह मालूम नही...

Recent Comments