न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : पताही- मोतिहारी/ बिहार :
लगातार रुक-रुक कर हो रही तेज बारिश के कारण बागमती और लालबकेया नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। वहीं प्रखंड क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है, जिसे गांव के लोग एक बार बाढ़ की आशंका से भयभीत हो गए हैं। इस बीच देवापुर बेलवा घाट पर सड़क पर तीन फीट पानी बह रहा है, जिससे पताही से प्रखंड मुख्यालय से शिवहर का आवागमन ठप हो गया है।
अंचल अधिकारी रोहित कुमार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर कहा कि कटाव वाले जगह पर बालू से भरे बैग व नाव की व्यवस्था की जा रही है। देवापुर पंचायत के मुखिया वेदानंद झा, मुखिया जय सिंह व राजू सिंह ने जिला प्रशासन से इलाके में नाव की समुचित व्यवस्था करने की मांग की है। अंचलाधिकारी ने अपने भ्रमण के क्रम में बाढ़ से राहत और बचाव को लेकर सार्वजनिक स्थान को चिन्हित कर लेने का दावा किया है।
उनका कहना है कि फिलहाल, कोई बहुत चिता वाली बात नहीं है। मगर, बाढ़ की प्रबलता बढ़ने की स्थिति में सार्वजनिक ऊंचे जगहों को चिन्हित किया गया है। बाढ़ से निपटने को लेकर सारी तैयारी पूरी कर ली गई है। लोगों को किसी तरह की कठिनाई नहीं होने दी जाएगी। बाढ़ एवं वज्रपात से बचाव को लेकर लगातार माइकिग की जा रही है। इसके माध्यम से लोगों को सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है। बता दें कि प्रखंड क्षेत्र की 15 पंचायतें प्रतिवर्ष जुलाई से लेकर अगस्त तक बाढ़ एवं सूखा की मार झेलती आ रही है। परंतु अब तक सरकार इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं कर पाई है। प्रतिवर्ष बागमती और लालबकेया नदी प्रखंड क्षेत्र के लिए कहर बनकर लोगों को जान माल की क्षति पहुंच आती रहती है।
बाढ़ व कटाव की आशंका से सहमे लोग
लगातार बारिश से सिकरहना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने लगा है। कटाव की आशंका सिकरहना नदी के किनारे बसे गांवों में लोग चितित व सहमे हुए हैं। प्रखंड के लालपरसा,धमनी टोला,भवानीपुर, कैथवलिया, डुमरी, तेलहिया, बिगूइया, कोना, सपहा, लक्ष्मीपुर, नयका टोला सहित कई गांव के लोग कटाव को लेकर चितित हो गए है।
मुखिया महेश सहनी ने बताया कि रिग बांध का निर्माण होने के बाद टूटे बांध की मरम्मत भी अभी पूर्ण रूप से नहीं हो पाया है। वहीं सुनील सहनी, रवि पटेल,रंजन सहनी, एकराम हुसैन,अंगद सहनी, धर्मेंद्र गुप्ता,देवलाल सहनी, दीपू मिश्र,शिवकुमार सहनी, विधायक यादव,राजेन्द्र सहनी सहित कई लोगों ने बताया कि जब क्षेत्र में बाढ़ आ जाती है तो जनप्रतिनिधि व अधिकारी रिग बांध की मरम्मत करने के बात करने लगते है और केवल खानापूर्ति कर दी जाती है,लेकिन स्थायी निदान के लिए कोई कदम नही उठाया जाता है।