न्यूज़ टुडे एक्सक्लूसिव :
डा. राजेश अस्थाना, एडिटर इन चीफ, न्यूज़ टुडे मीडिया समूह :
★फर्जी वीडियो की कहानी, बंगाली टोला में एक मकान में शूट किया गया। मजदूर की एक्टिंग की गई थी। मजदूर की पिटाई दिखे, इसके लिए मेडिकल स्टोर से कॉटन पट्टी, हैंडी प्लास्ट, बैंडेज, लाल दवा और प्राथमिक इलाज की अन्य सामग्री खरीदी गई थी। वीडियो में जनता प्लस न्यूज के मालिक अनिल कुमार यादव और एक अन्य व्यक्ति आदित्य कुमार मजदूर बने।★
तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों के साथ मारपीट और हिंसा मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। हिंसा का फर्जी वीडियो पटना में शूट किया गया था। मजदूर की एक्टिंग की गई थी। मजदूर की पिटाई दिखे, इसके लिए मेडिकल स्टोर से कॉटन पट्टी, हैंडी प्लास्ट, बैंडेज, लाल दवा और प्राथमिक इलाज की अन्य सामग्री खरीदी गई थी।
फर्जी वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया गया। आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने शुक्रवार को एक और मुकदमा दर्ज कर लिया है। एडीजी (मुख्यालय) जीतेंद्र सिंह गंगवार ने बताया कि आर्थिक अपराध इकाई ने राकेश रंजन कुमार सिंह, मनीष कश्यप और उसके दो साथियों के खिलाफ कांड संख्या 4/23 दर्ज किया है। गौरतलब है कि यू-ट्यूबर मनीष कश्यप व तीन अन्य के खिलाफ ईओयू ने 5 मार्च को भी एक मुकदमा दर्ज किया था।
इस मामले में अमन कुमार और प्रयास न्यूज के राकेश तिवारी की गिरफ्तारी हो चुकी है। मनीष कश्यप और एक अन्य आरोपी युवराज सिंह राजपूत फरार चल रहे हैं। अब ईओयू ने एक और मामला दर्ज कर लिया है। एडीजी ने कहा कि तमिलनाडु की पुलिस अनुसंधान के सिलसिले में बिहार आई है।
ताजा मामले की जांच में दिलचस्प तथ्य सामने आया है। ईओयू के अनुसार बीएनआर न्यूज द्वारा पिछले दिनों एक पोस्ट शेयर किया गया था, जिसमें तमिलनाडु में बिहारी और हिन्दी भाषियों के साथ मारपीट -हिंसा से संबंधित भ्रामक जानकारी दी गई थी।
फर्जी वीडियो की कहानी, बंगाली टोला में एक मकान में शूट किया गया
ईओयू ने बीएनएआर न्यूज के राकेश रंजन कुमार सिंह को गोपालगंज से गिरफ्तार किया और पूछताछ की तो पता चला कि वीडियो पटना के जक्कनपुर थाना क्षेत्र के बंगाली टोला में किराए के मकान में 6 मार्च 2023 बनाया गया।
वीडियो में जनता प्लस न्यूज के मालिक अनिल कुमार यादव और एक अन्य व्यक्ति आदित्य कुमार मजदूर बने। अनिल जमुई का है और देवघर में रहता है। आदित्य सीवान का है। मजदूर बनने के लिए मेडिकल स्टोर से कॉटन, पट्टी, हैंडी प्लास्ट, बैंडेज आदी खरीदी गई थी।
6 मार्च को अपलोड किया गया, वायरल कर अधिक पैसा कमाने की थी मंशा
राकेश ने बताया कि मोबाइल से वीडियो बनाया. इस वीडियो को इस तरह शूट किया गया कि तमिलनाडु में बिहारी और हिन्दी भाषियों के साथ मारपीट हो रही है। इस वीडियो को सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर 6 मार्च को अपलोड कर दिया गया।
इस फर्जी वीडियो को मनीष कश्यप ने 8 मार्च को अपने फेसबुक पर शेयर किया गया। ईओयू के अनुसार राकेश रंजन कुमार सिंह को मनीष कश्यप ऐसे वीडियो बनाने के लिए प्रेरित किया, ताकि उसे प्रचारित कर अधिक से अधिक पैसा कमाया जा सके।
तमिलनाडु से लौटी जांच टीम ने कहा-हिंसा के सभी वायरल वीडियो फर्जी
तमिलनाडु में बिहारी श्रमिकों के साथ मारपीट व हमला के वीडियो और मैसेज फेक पाए गए हैं। भ्रामक सूचना पर अफरातफरी मची थी। ग्रामीण विकास विभाग के सचिव बालामुरूगन डी के नेतृत्व वाली टीम ने पूरे मामले की जांच के बाद रिपोर्ट शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सौंप दी।
चार सदस्यीय विशेष दल ने 4 मार्च से 7 मार्च तक चेन्नई, तिरूपुर और कोयंबटूर जिलों में जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और वहां रह रहे बिहार के लोगों से पूरे मामले पर बात की। बालामुरूगन डी ने बताया कि 7 वीडियो जो बिहार के प्रवासी श्रमिकों के मोबाइल फोन पर पाए गए, वे सभी भ्रामक थे।