न्यूज़ टुडे एक्सक्लूसिव :
डा. राजेश अस्थाना, एडिटर इन चीफ, न्यूज़ टुडे मीडिया समूह :
★बिहार में प्रतिभाओं की कमी नहीं है. किसी भी क्षेत्र में हम बिहार के युवा किसी राज्य के मुकाबले कम नहीं है, राजधानी पटना की बात करें तो यहां के क्रिकेटरों को खेलने के लिए मात्र एक स्टेडियम है जिसका नाम है मोइनुल हक स्टेडियम. आप यहां अगर कभी जाएंगे तो यहां की व्यवस्था देख आपको खुद पता चल जाएगा कि बिहार सरकार क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए कितना गंभीर है. खिलाड़ियों का आरोप है कि बिहार सरकार जितनी घोषणाएं करती है उसमें से 20 परसेंट पर भी अमल नहीं होता.★
गर्व करे मगर सवाल भी उठाते रहे, आखिर बिहार में खेल कूद सुबिधायें क्यों खत्म हो गई? क्या अपनी पहचान और प्रतिभा साबित करने के लिए पलायन ही एक मात्र रास्ता बचता है बिहारियों के सामने? हम से कुछ सालों पहले निकला झारखंड खेलों में भी अपना पहचान बनाता चल रहा है और हम बिहार वासी जाति की गिनती करवाने में ही मद मस्त हुए जा रहे हैं। सोचिएगा एक बार जरूर, हमारी पहचान बिहारी विलुप्त होते जा रही है.
राजधानी पटना की बात करें तो यहां के क्रिकेटरों को खेलने के लिए मात्र एक स्टेडियम है जिसका नाम है मोइनुल हक स्टेडियम. आप यहां अगर कभी जाएंगे तो यहां की व्यवस्था देख आपको खुद पता चल जाएगा कि बिहार सरकार क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए कितना गंभीर है. खिलाड़ियों का आरोप है कि बिहार सरकार जितनी घोषणाएं करती है उसमें से 20 परसेंट पर भी अमल नहीं होता.
अगर आप गांधी मैदान की बात करें तो यहां की स्थिति भी देखकर ऐसा नहीं लगता कि सरकार खिलाड़ियों की मदद के लिए गंभीर है. मैदान से घास गायब हो गई हैं, मैदान में जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं. खिलाड़ी मैदान पर समतल बनाकर प्रैक्टिस करते हैं. यहां तक कि गांधी मैदान में भी प्रतिदिन खेल में रुचि रखने वाले हजारों युवा प्रैक्टिस करते हैं. सरकार की तरफ से खेल ग्राउंड बनाने की घोषणा केवल सुर्खियां बनकर रह जाती हैं.
खिलाड़ियों का साफ तौर पर कहना है कि बिहार में प्रतिभाओं की कमी नहीं है. किसी भी क्षेत्र में हम बिहार के युवा किसी राज्य के मुकाबले कम नहीं है, लेकिन यहां पर ग्राउंड का अभाव होने के कारण सही से प्रैक्टिस नहीं हो पाती है, जिस कारण से वह अपनी प्रतिभा को निखार नहीं पा रहे हैं और जो खिलाड़ी सक्षम हैं, वह बिहार छोड़कर दूसरे राज्यों में जाकर खेल में प्रतिभा निखारने का काम कर रहे हैं.