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ई. युवराज, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, न्यूज़ टुडे मीडिया समूह :
★गोपालगंज में नकली अनुमंडल ऑफिस चलने का पर्दाफाश हुआ है. प्रशासन को छापेमारी में यहां से कई सारे कागजात बरामद हुए हैं. प्रशासन का कहना है कि बिहार का एक सरकारी मास्टर अपने घर से ही नकली ऑफिस चला रहा था. ★
आज तक आपने बिहार में नकली इंस्पेक्टर, नकली मास्टर की कहानी को सुना होगा लेकिन आज हम आपको एक ऐसा कहानी सुनाने जा रहे हैं जिसको सुनकर आप आश्चर्यचकित हो जाएंगे. बताया जाता है कि बिहार सरकार के एक नियोजित मास्टर ने नकली CO बन कर करोड़ों की जमीन को बेच दिया है. प्राप्त खबर के अनुसार गोपालगंज में नकली अनुमंडल ऑफिस चलने का पर्दाफाश हुआ है. प्रशासन को छापेमारी में यहां से कई सारे कागजात बरामद हुए हैं. प्रशासन का कहना है कि बिहार का एक सरकारी मास्टर अपने घर से ही नकली ऑफिस चला रहा था.
ताजा अपडेट के अनुसार गोपालगंज के जिलाधिकारी को इस सरकारी मास्टर के बारे में शिकायत मिली थी. इसके बाद डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने कमेटी का गठन कर मामले का जांच करने का आदेश दिया था.
सरकारी मास्टर की पहचान संतोष महतो के रूप में की गई है. जानकार सृत्रों ने बताया कि मांझा प्रखंड के के लगटू हाता गांव के रहने वाले शिक्षक संतोष महतो ने वर्ष 2016 से लेकर अब तक गौसिया, नेमुइया, मगुरहां, माघी गांव में 124 लोगों को गंडक नदी के जमीन में बेचने का काम किया. इलाके के प्रभावशाली लोगों से मोटी रकम लेकर एक बिगहा से पांच बिगहा तक का रसीद कटवाने में शामिल रहा है. रसीद कटवाने वाले उन जमीनों पर खेती कर रहे है. जानकारों ने दावा किया है कि गौसिया बेसिक स्कूल के पास भी कई लोगों को गंडक नदी के जमीन का रसीद कटवा चुका है.
डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी के द्वारा गठित टीम में डीटीओ मनोज कुमार रजक, एसडीओ डॉ प्रदीप कुमार, डीसीएलआर वीरेंद्र कुमार जमीन से जुड़े रेकॉर्ड को खंगालने में जुटे है. अधिकारियों के जांच में महत्वपूर्ण साक्ष्य हाथ लगे है.