न्यूज़ टुडे एक्सक्लूसिव :
डा. राजेश अस्थाना, एडिटर इन चीफ, न्यूज़ टुडे मीडिया समूह :
★हिंदू धर्म के अनुसार गंगाजल को काफी पवित्र माना जाता है. एम्स के डॉक्टरों का कहना है कि गंगाजल में कुछ ऐसे बैक्टीरिया मिले हैं जो बीमार लोगों को ठीक करने की क्षमता रखता है. आसान भाषा में कहा जाए तो अगर रिसर्च सफल रहा तो आने वाले दिनों में गंगाजल से लोगों की बीमारी भी ठीक हो सकती है.★
हिंदू धर्म के अनुसार गंगाजल को काफी पवित्र माना जाता है. कहते हैं कि गंगाजल में कुछ तो खास है जिसके कारण उसकी पानी में कभी भी दुर्गंध नहीं आती है. किसी भी शुभ काम और अशुभ काम में भी गंगा स्नान को सर्वोपरि माना गया है. पंडितों की माने तो गंगा स्नान से लोगों के पाप कट जाते हैं. वही आप गंगाजल को लेकर वैज्ञानिक रिसर्च में भी नए खुलासे हुए हैं.
एम्स के डॉक्टरों का कहना है कि गंगाजल में कुछ ऐसे बैक्टीरिया मिले हैं जो बीमार लोगों को ठीक करने की क्षमता रखता है. आसान भाषा में कहा जाए तो अगर रिसर्च सफल रहा तो आने वाले दिनों में गंगाजल से लोगों की बीमारी भी ठीक हो सकती है.
गंगाजल में कुछ ऐसा है जो रोगाणु (बीमारी वाले जीवाणु) को मार देता है। एम्स दिल्ली ने गंगाजल से ऐसे वायरस निकाले हैं जो खतरनाक बैक्टीरिया को खा लेते हैं और अच्छे को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। अब एम्स इसका इस्तेमाल रोगों के इलाज में करेगा।
बड़े काम का वायरस
एम्स के माइक्रो बायोलॉजी विभाग ने गंगाजल में मौजूद बीमारी का इलाज करने वाला ‘बैक्टीरियाफाज’ तलाश लिया है। एम्स के माइक्रो बायोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉक्टर रमा चौधरी ने बताया कि ये वायरस बैक्टीरिया की तादाद बढ़ते ही सक्रिय होते हैं और उन्हें मारने के बाद फिर छिप जाते हैं। इनका कोई साइड इफेक्ट नहीं है। यह बैक्टीरियाफाज दवा प्रतिरोधी बैक्टीरिया स्यूडोनेमस एयरूजिनोसा को भी खत्म कर देता है। इसके चलते यह कई गंभीर रोगों के इलाज में मददगार हो सकता है।
त्वचा संक्रमण पर ट्रायल
इस बैक्टीरियोफाज को मरीजों की त्वचा पर पेस्ट के रूप में लगाया जाएगा। इस बैक्टीरियोफाज का सबसे पहले इस्तेमाल त्वचा के संक्रमितों पर किया जाएगा। शुरुआत में इसका इलाज में बाह्य इस्तेमाल किया जाएगा। इसके बाद दूसरे मरीजों को भी इसे दिया जा सकता है।