न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : पटना/ बिहार :
बिहार के सरकारी स्कूलों की बदहाली पर पटना हाईकोर्ट ने सख्त रवैया अपनाया है। बिहार सरकार को फटकार लगाते हुए जज साब ने कहा कि जबतक अधिकारियों के बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ने नहीं जाएंगे तब तक व्यवस्था दुरूस्त नहीं होगी।
राज्य में शिक्षा व्यवस्था और सरकारी स्कूलों की दयनीय हालत को देखते हुए पटना हाईकोर्ट ने एक बार फिर तीखी टिप्पणी की है। मंगलवार को जस्टिस अनिल कुमार उपाध्याय की एकल पीठ ने मुख्य सचिव को हलफनामा दायर कर बताने को कहा है कि ऐसे कितने आईएएस, आईपीएस और अन्य अफसर हैं जिनके बच्चे सरकारी स्कूलों में जाते हैं। चीफ सेक्रेटरी से कहा गया है कि वे सभी डीएम के माध्यम से आंकड़ा इकट्ठा कर हलफनामा दायर करें।
पहले कहा था-राज्य में कानून का राज नारा बनकर रह गया :
17 फरवरी 2020 को जस्टिस उपाध्याय ने शाही की दलील सुनने के बाद अतिथि शिक्षकों के हटाने सम्बंधी आदेश पर रोक लगा दी थी। इसी आदेश में जस्टिस उपाध्याय ने कहा था कि जिस तरीके से इन अतिथि शिक्षकों को हटाया गया है उससे ऐसा लगता है कि राज्य में कानून का राज केवल एक नारा बनकर रह गया है। नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत का भी पालन नहीं किया गया। कोर्ट ने कहा-यहां की शिक्षा व्यवस्था में सुधार तभी नजर आएगा यदि अफसरों को बाध्य किया जाए कि वे अपने बच्चों को पढ़ने के लिए केवल सरकारी स्कूलों में ही भेजें।