न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : मोतिहारी/ बिहार :
महाराष्ट्र में गिरफ्तार जिले के तुरकौलिया थाना क्षेत्र के सरिसवा गांव निवासी कमरुद्दीन पहले बाइक मिस्त्री था। बाद में फुटबॉल का अच्छा खिलाड़ी भी रहा, मगर उसका भविष्य गलत रास्तों पर चल पड़ा। एक दौर वह भी आया जब उसके नाम मात्र से चम्पारण व सीमांचल का इलाका भय से कांप जाता था।
पहली बार गांव में मारपीट को लेकर केस में नाम आने के बाद कमरुद्दीन जेल गया। जेल से जमानत पर छूटकर आने के बाद भी वह सही दिशा में आगे नहीं बढ़ सका। वह लगातार रंगदारी, हत्या, लूट व अन्य कई संगीन वारदात को अंजाम देता रहा। इस क्रम में वह जेल भी गया व 2003 में कारा से न्यायालय में पेशी के दौरान फरार हो गया।
इस मामले में उसके साथ ड्यूटी पर तैनात तीन सिपाहियों को भी जेल भेज दिया गया था। उसके सहयोगी जितेन्द्र सिंह की हत्या के बाद से कमरुद्दीन मोतिहारी छोडकर भाग निकला था। इसी क्रम में तुरकौलिया के ही एक व्यवसायी के पुत्र का अपहरण कर लिया। इस मामले में मुंबई में गिरफ्तार कर लिया गया। फिर बाद में वह जमानत पर छूट गया और वहीं पर टूर एंड ट्रैवेल्स एजेंसी चलाने लगा था।
इसी बीच मोतिहारी एसपी नवीनचंद्र झा को यह सूचना मिली कि यहां से फरार कुख्यात बदमाश कमरूद्दीन इन दिनों महाराष्ट्र में छुपा है। तब उन्होंने उसकी पूरी काली करतूतों का चिट्ठा खोलते हुए इसकी सूचना ने महाराष्ट्र के पुलिस उपायुक्त (अपराध) लक्ष्मीकांत पाटिल को दी। इसके बाद सक्रिय हुई वहां की पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
दोस्त की हत्या का बदला लेने के लिए चीनी मिल कर्मी को बस से उतारकर मार डाला था
कमरुद्दीन ने अपने दोस्त की हत्या का बदला लेने के लिए गोविदगंज थाना क्षेत्र के टिकुलिया गांव निवासी चीनी मिल के कर्मी राजन कुमार श्रीवास्तव को बस से उतारकर 1998 में अपहरण कर हत्या कर दी गई। अभी तक उसका शव नहीं मिल सका है। शहर के एक व्यवसायी के घर पर रंगदारी के लिए उसने बम विस्फोट भी किया था। इसके अलावा जिले में कई संगीन वारदातों को अंजाम भी दिया था। पुलिस अधीक्षक नवीन चन्द्र झा ने बताया है कि कमरुद्दीन को लाने के लिए पुलिस टीम को महाराष्ट्र भेजा जाएगा रिमांड पर लाकर उससे गहन पूछताछ की जाएगी।