
न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : हरसिद्धि-अरेराज- मोतिहारी/ बिहार
बिहार के पूर्वी चंपारण का बहुचर्चित पत्रकार मनिष कुमार सिंह हत्याकांड हरसिद्धि थाना कांड संख्या 320/21 का खुलासा हत्या के 16 माह बाद भी सफेदपोश एवं तथाकथित पत्रकारों, मुख्य साजिशकर्ताओं द्वारा राजनीतिक दबाव बनवाने की वजह से कांड का खुलासा नही हो पाया है तथा माननीय न्यायालय द्वारा निर्गत 12 वारंट का निष्पादन 13 माह बाद भी नही हुआ है जो पूर्वी चंपारण ,मोतिहारी पुलिस के लिये बड़ी चुनौती है। पीड़ित पिता संजय कुमार सिंह द्वारा माननीय उच्च न्यायालय पटना में दायर सीडब्ल्यूजेसी संख्या 776/22 में दिनांक 21/10/2022 को पारित आदेश का प्रति संलग्न कर अनुपालन सुनिश्चित कराने हेतु जिला एवं सत्र न्यायाधीश मोतिहारी ने अपने कार्यालय के पत्रांक 27136 दिनांक 10/11/2022 द्वारा पुलिस अधीक्षक मोतिहारी को आदेश दिया है।
कहते है आईओ : उपेन्द्र कुमार पुलिस निरीक्षक अरेराज,पूर्वी चंपारण ने न्यूज़ टुडे टीम को बताया कि पर्यवेक्षण 02 में दिए गए निर्देश का विन्दुवार जाँच कर और साक्ष्य संकलित की जा रही है।
वही मामले को गंभीरता से लेते हुये पुलिस अधीक्षक मोतिहारी ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश मोतिहारी के पत्रांक 27136 दिनांक 10/11/2022 के अनुपालनार्थ पुलिस अधीक्षक मोतिहारी कार्यालय के पत्रांक 6724 (अपराध शाखा) दिनांक 16/11/2022 द्वारा माननीय उच्च न्यायालय पटना द्वारा सीडब्ल्यूजेसी संख्या 776/22 में दिनांक 21/10/2022 को पारित आदेश का अक्षरश: अनुपालन करने का थानाध्यक्ष हरसिद्धि को एवं अक्षरस:अनुपालन करवाने का एसडीपीओ अरेराज को निर्देश दिया है।
उन्होंने अपने पत्र में लिखा है की थानाध्यक्ष को निदेश दिया जाता है कि माननीय उच्च न्यायालय पटना द्वारा पारित आदेश का अनुपालन किया जाना सुनिश्चित करे तथा अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी अनुपालन करवाया जाना सुनिश्चित करेंगे। वही हरसिद्धि थाना कांड संख्या 320/21 का अनुसन्धानकर्ता सह पुलिस निरीक्षक अरेराज के पत्रांक 1214 दिनांक 21/11/2022 द्वारा थानाध्यक्ष हरसिद्धि को माननीय न्यायालय द्वारा निर्गत आदेश (वारंट का निष्पादन करने) का अनुपालन करने तथा थानाध्यक्ष पहाडपुर को मृतक के परिजनों को सुरक्षा मुहैया कराने, वारंटियों के वांक्षित गतिविधि पर नजर रखने तथा थानाध्यक्ष हरसिद्धि को विधिसम्मत कार्रवाई में सहयोग करने का निर्देश दिया है।समाचार लिखे जाने तक वरीय अधिकारियोंके आदेश के बावजूद न्याय नही मिलने पर पीड़ित पक्ष ने पीजीआरओ से अपनी फरियाद सुनाने को विवश है लेकिन उनकी सुधि लेने वाला कोई नही है।मोतिहारी पुलिस के लिये पत्रकार मनीष हत्याकांड का खुलासा करना एक बड़ी चुनौती बनी हुईं है वही माननीय न्यायालय द्वारा निर्गत वारंट का निष्पादन 13 माह बाद भी नही होने से चर्चा का माहौल गर्म है।