
न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : मोतिहारी/ बिहार :
शीर्ष कंपनी मुख्यालय के निर्देश के बावजूद विद्युत कार्यपालक अभियंता विद्युत आपूर्ति प्रमंडल मोतिहारी द्वारा अल्प अवधि डाटा एंट्री ऑपरेटर को कार्यमुक्त नहीं करना जिससे विभाग को अवैध मानदेय भुगतान में लाखों की राजस्व की क्षति हो रही है।
बिहार राज्य कार्यपालक सहायक सेवा संघ के जिलाध्यक्ष नासीर खान ने विद्युत अधीक्षण अभियंता मोतिहारी को प्रासंगिक पत्र के संदर्भ में कहा गया है कि महाप्रबंधक संसाधन प्रशासन नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड पटना का ज्ञापांक 33 दिनांक 31 जनवरी 2017 में यह स्पष्ट निर्देशित है कि जिन प्रमंडलों में विभिन्न कारणवश जिला पदाधिकारी द्वारा कार्यपालक सहायक उपलब्ध नहीं गया है वहां सिर्फ बिलिंग के कार्य हेतु अल्प अवधि लिए ज़िला पदाधिकारी के पैनल से कार्यपालक सहायक की उपलब्धता तक डाटा एंट्री ऑपरेटर रखे जा सकते हैं, उल्लेखनीय है कि उपरोक्त वर्णित पत्र में यह भी स्पष्ट निर्देश है कि जिला पैनल से कार्यपालक सहायक मिलते ही रखे गए डाटा एंट्री ऑपरेटर को हटा दिया जाए।
विदित हो की विद्युत अधीक्षण अभियंता मोतिहारी के पत्रांक 484 दिनांक 16 .04 .2021 द्वारा अपने अधीनस्थ सभी पदाधिकारियों को कंपनी मुख्यालय का ज्ञापांक 33 दिनांक 31 जुलाई 2017 एवं 483 दिनांक 18.11.2016 में दिए गए निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने का निर्देश या गया है तथा पारा 01 में इस बात की पुष्टि किया गया है कि सभी प्रमंडल अंतर्गत जिला पदाधिकारी पैनल से कार्यपालक सहायकों की पूर्ण उपलब्धता कराई जा चुकी है।
ज्ञात हो कि विद्युत कार्यपालक अभियंता विद्युत आपूर्ति प्रमंडल मोतिहारी से इस संदर्भ में सूचना के अधिकार के तहत सूचना मांगने पर उनके द्वारा अपने पत्रांक 690 दिनांक 14. 09 .2021 से यह कहा गया है कि वरीय पदाधिकारियों के निर्देश प्राप्त होने पर इस संबंध में नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी जिसके आलोक में श्री खान ने कहा है कि क्या विद्युत कार्यपालक अभियंता विद्युत आपूर्ति प्रमंडल मोतिहारी भवदीय को अपना वरीय पदाधिकारी नहीं मानते हैं? क्या विद्युत कार्यपालक अभियंता विद्युत आपूर्ति प्रमंडल मोतिहारी शीर्ष कंपनी मुख्यालय के निर्देश का अनुपालन करने को बाध्य नहीं है? क्या कंपनी को राजस्व की क्षति नहीं हो रही है? अतः भवदीय से प्रार्थना है कि शीर्ष कंपनी मुख्यालय द्वारा दिए गए निर्देश का अनुपालन कराने की कृपा की जाए वही उक्त मांग श्री संजीव हंस अध्यक्ष बिहार स्टेट पॉवर होल्डिंग कंपनी से अनुरोध करते हुए इसकी जांच विभागीय निगरानी से कराने की मांग की है। जिससे कंपनी को हो लाखों लाख रुपए मानदेय के रूप में क्षति को रोकी जा सके।