न्यूज़ टुडे एक्सक्लूसिव :
डा. राजेश अस्थाना, एडिटर इन चीफ, न्यूज़ टुडे मीडिया समूह :
★उत्पाद विभाग की जिम्मेदारी वापस केके पाठक को सौंपी गई है। उन्हें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटने के बाद अपर मुख्य सचिव के पद का दायित्व सौंपा गया है। राज्य में शराबबंदी पर उठते सवाल के बीच उन्होंने गुरुवार को पदभार ग्रहण कर लिया।★
शराबबंदी पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मैराथन बैठक के अगले ही दिन बड़ा प्रशासनिक फेरबदल हुआ है। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे भारतीय प्रशासनिक सेवा के तेज तर्रार और कड़क अधिकारी केके पाठक को मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव की जवाबदेही दी गई है। अभी तक यह पद गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद के पास था। वे मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अतिरिक्त प्रभार में थे। अब उन्हें इससे मुक्त कर दिया गया है। गुरुवार दोपहर केके पाठक ने पदभार भी ग्रहण कर लिया। मंत्री सुनील कुमार की मौजूदगी में उन्होंने चैतन्य प्रसाद से प्रभार लिया।
केके पाठक 1990 बैच के सीनियर आइएएस अधिकारी हैं। वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटने के बाद पदस्थापन की प्रतीक्षा में थे। इसके पहले भी केके पाठक मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग की कमान संभाल चुके हैं। वर्ष 2016 में जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश में शराबबंदी कानून को लागू करने का फैसला लिया था तब केके पाठक को विशेष तौर पर इस विभाग की जिम्मेवारी दी गई थी। पाठक ने अपने कार्यकाल में शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू कराया था, बल्कि शराब के कारोबार में संलिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर चर्चा में भी आए थे। इसके अलावा वह बियाडा, गृह, पथ निर्माण, लघु जल संसाधन समेत जिस विभाग में रहे हैं, वहां अपने कामकाज से चर्चा बटोरी है।
केके पाठक की वापसी बड़ा संदेश
राज्य सरकार केके पाठक की विभाग में वापसी कर बड़ा संदेश देना चाह रही है। मुख्यमंत्री जिस तरह शराबबंदी को सख्ती से लागू करने की इच्छा जता चुके हैं, उसमें केके पाठक जैसे कड़क अफसर बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। विभाग में केके पाठक की वापसी के बाद नीचे के अफसरों में भी खूब चर्चा हो रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि इनके आने के बाद सुस्त और लापरवाह अफसरों पर पहले कार्रवाई होगी।
राजद और कांग्रेस ने सरकार से पूछे सवाल
कांग्रेस और राजद (Congress and RJD) ने इसको लेकर सरकार पर तंज कसा है। कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा है कि जिस अधिकारी को नीतीश कुमार वर्षों पहले हटा दिए थे, उन्हें फिर से लाना उनकी मजबूरी है या जरूरी है। या फिर असफल शराबबंदी का ठीकरा अधिकारी पर फोड़ना चाहते हैं। वहीं राजद नेता विजय प्रकाश ने कहा कि जिस अधिकारी को असक्षम समझ कर उत्पाद विभाग से हटाया गया था, उन्हें फिर से सक्षम समझकर फिर से लाया गया है। उन्होंने पूछा है कि यदि वे सक्षम व्यक्ति तो किस कारण से हटाया गया। और यदि वे असक्षम थे तो फिर किस आधार पर वापस लाया गया। इधर जदयू नेत्री सुहेली मेहता ने कहा कि मुख्यमंत्री का यह स्वागतयोग्य कदम है।
बता दें कि केशव कुमार पाठक (केके पाठक), 1990 बैच के आइएए अधिकारी हैं। ये उत्तरप्रदेश के रहने वाले हैं। ये केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गए थे। अपने कड़क अंदाज के लिए प्रसिद्ध केके पाठक जब गोपालगंज के डीएम थे, तब इनका जलवा दिखा था। बताया जाता है कि उनकी वजह से तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के करीबियों को दिक्कत होने लगी। तब पाठक का तबादला सचिवालय कर दिया गया। इनके साथ कुछ विवादों का नाता भी जुड़ा था।