
न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : पटना/ बिहार :
बिहार में सियासत जिस मिजाज में आगे बढ़ रहा है लगता है बहुत जल्द खेला होबे कल तक जो व्यक्ति बिहार सरकार के विकास मांडल की तारीफ करते नहीं थकते थे, आज वही बिहार के विकास पर सवाल खड़े करने लगे हैं। जिनके जुबान से आग ही बसरता था, आज शबनम बरस रहा है, ऐसे में का होबे खेला ही होबे ना। जी हां सुशील मोदी बिहार के मेट्रों प्रोजेक्ट को लेकर एक ट्वीट किये हैं जिसमें उन्होंने लिखा है कि 1/3टेंडर हो जाने के बावजूद पटना मेट्रो के डिपो का निर्माण कार्य 20 हेक्टेयर जमीन की अनुपलब्धता के कारण प्रारम्भ नहीं हो पा रहा है। 17 फरवरी, 2019 में प्रधानमंत्री के शिलान्यास के उपरांत अभी तक पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट की भौतिक प्रगति 01प्रतिशत और वित्तीय उपलब्धि मात्र 3.1 प्रतिशत है इस ट्वीट का क्या मतलब है कही कोई लाग लपेट नहीं है सीधे सीधे मेट्रों का काम प्रभावित होने के लिए जमीन अधिग्रहण को जिम्मेवार ठहराया है जो राज्य सरकार के जिम्मे है।
वही हिन्दू मुस्लिम पिच पर हमेशा बाउंसर फेकने वाले केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह आज जब पटना पहुंचे तो मीडिया ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस टिप्पणी को लेकर सवाल किया जो कभी गिरिराज सिंह का सबसे फेवरेट विषय हुआ करता था (समान नागरिक संहिता जरुरी है दिल्ली हाईकोर्ट)इस विषय पर ऐसा पहली बार हुआ जब गिरिराज सिंह हाथ जोड़ते हुए मीडिया से कहा- अब विकास की बात होगी।
जिस मंजीत सिंह के राजद में जाने कि खबर पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अब केन्द्रीयमंत्री आरसीपीसिंह ने बयान दिया था जहां जाये शुभकामना है उस मंजीत सिंह को आज पार्टी में शामिल होने को लेकर इस तरह से स्वागत में लगी हुई है जैसे जदयू में मंजीत सिंह के शामिल होने से बिहार के वोटिंग ट्रेंड में कोई बड़ा बदलाव हो जायेगा ,आज सांसद ललन सिंह की अध्यक्षता में मंजीत सिंह जदयू में शामिल हो रहे हैं।
वही मंजीत सिंह के जदयू में शामिल होने के बाद बीजेपी छोड़कर लोजपा के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ने वाले बीजेपी के पूराने धुरंधर की जो घर वापसी रुकी हुई थी वो शुरु हो जायेगा तो फिर क्या होगा खेला होबे ना।
वही जदयू के प्रदेश अध्यक्ष तीन दिन पहले बयान दिये थे कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद के लिए फिलहाल तीन वर्षो तक कोई वैकेंसी नहीं है वहीं पार्टी के संसदीय बोर्ड के चैयरमेन उपेन्द्र कुशवाहा जिनकी भूमिका चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार के चयन मात्र का होता है वे बिहार यात्रा पर निकले हैं शुरुआत वाल्मीकिनगर से कर रहे हैं जहां उपेन्द्र कुशवाहा के स्वागत में पूरी पार्टी खड़ी हुई है पार्टी के विधायक और सांसद स्वागत में खड़े हैं उपेन्द्र कुशवाहा इस यात्रा के दौरान दलित वस्ती में चल रहे वेक्सिनेशन सेंटर का जायजा लेंगे जहां जिले के तमाम सीनियर अधिकारी मौजूद रहेंगे।
उसके बाद पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ भी बैठक करेंगे , और फिर कोरोना से मृत जदयू कार्यकर्ताओं के घर जाएंगे मतलब पार्टी के साथ साथ प्रशासनिक प्रभाव भी दिखाने कि पूरी तैयारी है।
मतलब बिहार की राजनीति में एक साथ कई फ्रंट खुल गया है देखिए आगे आगे होता है क्या लेकिन इतना तो तय दिख रहा है कि 2022 में बिहार में उपचुनाव हो तो कोई बड़ी बात नहीं होगी।