
न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : पटना/ बिहार :
‘मिशन तेजस्वी’ के लिए राजद के प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए जगदानंद के इस्तीफा की खबर से पार्टी भी हैरान है। इस्तीफा की खबर को 4 दिन पहले राजद के सिल्वर जुबली समारोह में तेजप्रताप द्वारा उन पर किए गए हमले से जोड़ा गया, पर जगदानंद के पॉलिटिकल हिस्ट्री को जो भी जानता है उसे यह बचकाना लगा और खुद जगदानंद ने भी पूछने पर यही कहा कि सवाल ही बचकाना है। तेजप्रताप प्रकरण से इस्तीफा को जोड़ने पर खुद जगदानंद और पार्टी ने सिरे से खारिज कर दिया। जगदानंद ने सवाल पूछने वालों से कहा कि तेजप्रताप से बात कीजिए।
उसकी बात का जवाब हम नहीं देंगे। उसने मुझे चाचा कहा था। चाचा कहने पर हम नाराज क्यों होंगे? वहीं प्रदेश मुख्य प्रवक्ता भाई वीरेंद्र और प्रवक्ता चितरंजन गगन ने खबर को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि जान-बूझकर किसी साजिश के तहत इस प्रकार की निराधार और भ्रामक खबर चलाई गई है। जगदानंद की निष्ठा पर कोई सवाल उठा ही नहीं सकता।
लालू का उन पर जितना भरोसा, वह अबतक कोई और नहीं जीत पाया
दरअसल, जगदानंद को लोकसभा चुनाव में राजद को एक भी सीट नहीं मिलने के बाद ‘मिशन तेजस्वी’ यानी विधानसभा में तेजस्वी के नेतृत्व में यूपीए की सरकार बनाने के लिए नवंबर 2019 में अध्यक्ष बनाया गया था। उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए राष्ट्रीय निर्वाचन पदाधिकारी बनाया गया था और चुनाव के ठीक पहले उस पद से आनन-फानन में हटाकर प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी सौंपी गई थी। करीब एक साल की मेहनत के बाद विधानसभा चुनाव ने उनकी रणनीति काफी हद तक सफल रही, जब राजद 75 सीट जीतकर विधानसभा में सबसे अधिक विधायकों वाली पार्टी बनी।
पर अभी सीएम की कुर्सी राजद से दूर है। उनका अध्यक्ष पद का टेन्योर भी नवंबर 2022 तक है। ऐसे में अभी उनका इस्तीफा सिर्फ स्वास्थ्य कारणों से हो सकता है। करीब 80 साल उम्र में वे रोज राजद कार्यालय में घंटों समय दे रहे हैं, घर पर भी पार्टी का काम करना पड़ता है। जगदानंद ने उम्र का ही हवाला देकर विधानसभा चुनाव के बाद अध्यक्ष पद छोड़ने की इच्छा लालू प्रसाद को जाहिर की थी, पर तब कस्टडी में होने और कई बीमारियों से जूझ रहे लालू ने उनसे बने रहने को कहा था। उन्हें आश्वस्त किया था कि उचित समय पर उनके उत्तराधिकारी का चयन किया जाएगा। पार्टी में जो उनका कद है और लालू प्रसाद का जितना उन पर भरोसा है, वह अबतक कोई और नहीं जीत पाया है।