न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : पटना/ बिहार :
राजधानी पटना में स्थित गंगा तटों, तालाबों व घर-अपार्टमेंट की छतों पर लाखों व्रतियों ने सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया। वहीं बिहार के चर्चित सूर्यपीठों जैसे औरंगाबाद के देव, पटना जिले के उलार,पुण्यार्क मंदिर पंडारक में लाखों की तादाद छठ व्रती सूर्य भगवान को अर्घ्य प्रदान किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। 1 अने मार्ग में अर्घ्यदान के दौरान उनके बड़े भाई समेत अन्य परिवारीजन भी मौजूद रहे।
छठ व्रत के पावन अवसर पर अस्तचलगामी सूर्य को अर्घ्य के लिए माथे पर दउरा लेकर छठ घाट पहुंचे मंत्री मंगल पांडेय, कहा- छठि मैया सबकी मनोकामना पूर्ण करें
ज्योतिषाचार्य डा.राजनाथ झा के अनुसार सूर्य षष्ठी का व्रत आरोग्य की प्राप्ति,सौभाग्य व संतान के लिए रखा जाता है। स्कंद पुराण के अनुसार राजा प्रियव्रत ने भी यह व्रत रखा था। उन्हें कुष्ठ रोग हो गया था। भगवान भास्कर से इस रोग की मुक्ति के लिए उन्होंने छठ व्रत किया था। स्कंद पुराण में प्रतिहार षष्ठी के तौर पर इस व्रत की चर्चा है। वर्षकृत्यम में भी छठ की चर्चा है।
लोक आस्था के महापर्व छठ का पहला अर्घ्य शुक्रवार की शाम को संपन्न हो गया। नदियों, तालाबों और पोखरों पर बने घाटों के अलावा मोहल्लों तथा पार्कों में बने घाटों पर भी छठव्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। घरों की छतों पर भी लोगों ने अर्घ्य दिया। भागलपुर और गया में भी घाटों पर भीड़ उमड़ पड़ी। कई छठव्रती दंडवत देते हुए घाटों तक पहुंची। कोरोना संक्रमण को लेकर कई लोग मास्क में भी नजर आ रहे हैं। हालांकि, सोशल डिस्टेंसिंग कहीं नहीं दिख रही है।